वैष्णो देवी के दरबार में चढ़ावे की भरमार, 20 सालों में श्रद्धालुओं ने चढ़ाया 1800 किलो सोना, 4700 किलो चांदी और 2000 करोड़ से ज्यादा की नकदी
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टीआरपी डेस्क। श्रद्धालुओं ने माता वैष्णो देवी के दरबार में दिल खोल खोलकर चढ़ावा चढ़ाया है। माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अनुसार, हर साल माता के दरबार में औसतन 90 किलो सोना श्रद्धालु चढ़ाते हैं। पिछले 20 सालों में श्रद्धालुओं ने माता वैष्णो देवी मंदिर में 1800 किलो सोना चढ़ाया है। इस दौरान उन्होंने 4700 किलो चांदी भी चढ़ाई है। इसके अलावा 2,000 करोड़ रुपये नकद भी माता वैष्णो देवी को चढ़ावे में मिले हैं।

200 किलो से ज्यादा चांदी के सिक्के, मुकुट और आभूषण

इसी तरह से हर साल औसतन 200 किलो से भी ज्यादा चांदी के सिक्के, मुकुट और आभूषण भी श्रद्धालुओं ने भेंट किए हैं। इस कारण त्रिकुटा पर्वत पर विराजमान मां वैष्णो की यात्रा की देखभाल कर रहा श्राइन बोर्ड भारत के अमीर श्राइन बोर्ड में से एक है। साथ ही माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड भी भक्तों के इस दान को उन्हीं की सुविधाओं और जन कल्याण पर खर्च करता है।

बता दें, कटरा के त्रिकुटा पर्वत पर स्थित वैष्णो देवी मंदिर की देखरेख माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड करता है। उत्तर भारत में किसी भी धार्मिक स्थल पर इतना चढ़ावा नहीं चढ़ता, जितना वैष्णो देवी मंदिर में चढ़ता है। यही वजह है कि समय के साथ भारत सरकार ने भी यहां सुविधाएं बढ़ाई हैं और अब कटरा तक रेलवे की सेवा भी मिलने लगी है।

मंदिर 108 शक्ति पीठों में से एक

यह मंदिर 108 शक्ति पीठों में से एक है, जो मां दुर्गा को समर्पित है। माता की यह पवित्र गुफा उन चंद धार्मिक स्थलों में से एक है। जहां पर श्रद्धालु हर साल लाखों की संख्या में दर्शनों के लिए पहुंचते हैं। हालांकि पिछले साल करीब सात महीनों तक कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से मंदिर को बंद रखा गया था। जिसके कारण श्रद्धालु माता वैष्णो देवी के दर्शन नहीं कर सके, लेकिन उसके बाद से लगातार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती ही गई।

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