प्रोग्रेसिव ऑफसेट
प्रोग्रेसिव ऑफसेट को मिला पुस्तक छपाई का वर्क आर्डर और छपाई करवा दी मीनल पब्लिकेशन में

रायपुर। छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम में शिक्षा सत्र 2021-22 का आज तक का सबसे बड़ा घोटाला उजागर हुआ है। निविदा में तकनीकी रूप से अपात्र मुद्रक मीनल पब्लिकेशन के मुद्रणालय में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की किताबें छपती पाई गईं। द रूरल प्रेस (TRP) के संवाददाता को मिली ख़बर के उपरांत मीनल पब्लिकेशन के मुद्रणालय में दबिश दी गई, तो वहाँ छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम की नैतिक मूल्य एवं योग शिक्षा भाग 1 की पुस्तक का मुद्रण एवं बाइंडिंग कार्य चालू था।

इस दौरान परिसर में उपस्थित कर्मचारियों से पूछने पर बताया गया कि उक्त किताबें प्रोग्रेसिव ऑफ़सेट द्वारा छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के शह पर उन्हें मुद्रण करने हेतु मिली।

जानिए क्या कहता है नियम?

यहां गौर करने वाली बात यह है कि निविदा के नियमानुसार कोई भी प्रेस किसी दूसरे को काम सबलेट नही कर सकती। प्रोग्रेसिव ऑफसेट की पुस्तकें दूसरे प्रेस में पाया जाना अपराध है। ध्यान देने वाली बात है कि ये वही प्रोग्रेसिव ऑफसेट प्रेस है, जिसका बिजली बिल 10 किलो वाट का है जबकि प्रिंटिंग के लाइट 40 से 50 किलो वाट का कनेक्शन का होना चाहिए।

अफसरों की मिलीभगत से सारा कमाल

ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या अब प्रोग्रेसिव को ब्लैक लिस्ट किया जाएगा या अन्य मामलों की तरह इसे भी दबा दिया जाएगा। इतना ही नही प्रोग्रेसिव के अन्य पुस्तक उसी की सिस्टर कंसर्न बी के ऑफसेट में प्रिंट की जा रही है। यह सब खेल पाठ्य पुस्तक निगम के आला अधिकारियो की मिली भगत से हो रहा है। पाठ्य पुस्तक निगम के अफसरों के आशीर्वाद से ऐसी प्रिंटिग संस्थाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं.

नए कारनामे को ऐसे दे रहे अंजाम

छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम ने अपने चहेते मुद्रक प्रोग्रेसिव ऑफसेट को नियम विरूद्ध तरीक़े से पुस्तक छपाई का कार्य दिया। प्रोग्रेसिव ऑफसेट को वर्क आर्डर मिलने के बाद उक्त फर्म ने खुद पुस्तक छपाई का काम करने की बजाय यह कार्य मीनल पब्लिकेशन को सौंप दिया। जबकि छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा जारी निविदा में इस मुद्रक को अयोग्य घोषित किया गया था, बावजूद इसके मुद्रक के प्रांगण में छत्तीसगढ़ पाठ्यपुस्तक निगम की पुस्तकें मुद्रित होती हुई पायी गयी। अब सवाल यही उठता है कि आखिर चहेते मुद्रक को काम किस अधिकारी व कर्मचारी के आशीर्वाद से प्राप्त हुआ है? विभाग इस पर क्या कार्यवाही करता है?

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जानिए क्या कहते हैं जिम्मेदार

“आपके माध्यम से मामला संज्ञान में आया है, तत्काल ही इसकी जांच करवाता हूँ. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”
अभिजीत सिंह
MD, छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम