2010 बैच की आईपीएस अधिकारी सिमला प्रसाद की गिनती खूबसूरत और दबंग महिला ऑफिसरों में होती है। उनका नाम सुनते ही अपराधी खौफ खाते हैं। वह आईएएस अधिकारी और सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद व साहित्यकार मेहरून्निसा परवेज की बेटी हैं। सिमाला के आईपीएस की राह तक पहुंचने की भी कहानी काफी अलग और प्रेरणा देने वाली है  उन्होंने इंडियन पुलिस सर्विस की परीक्षा पासकरने के लिए  किसी भी कोचिंग संस्‍थान का सहारा नहीं लिया, बल्कि सेल्‍फ स्‍टडी कर एमपीपीएससी क्लियर किया।

उनकी पहली नियुक्ति डीएसपी के रूप में हुई थी।  रात-दिन नौकरी करते हुए अपनी शिक्षा-दीक्षा को बढ़ाते हुए सिमाला ने सिविल सर्विसेस की तैयारी शुरू की और वर्ष 2011 में उनका आईपीएस में चयन हो गया।सिमाला की शिक्षा भोपाल के सेंट जोसफ कोएड स्‍कूल ईदगाह हिल्‍स में हुई। उसके बाद स्‍टूडेंट फॉर एक्‍सीलेंस से बीकॉम एवं बीयू से पीजी किया। उनको  बरकतउल्‍ला यूनिवर्सिटी से सोशियोलॉजी में पीजी के दौरान गोल्‍ड मैडल भी मिला था।एक इंटरव्यू के दौरान सिमला ने बताया था  कि वह स्कूल में डांस और एक्टिंग में भाग लेती थीं। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो सिविल सर्विस में जाएंगी सिमाला के अनुसार ‘स्कूल और कॉलेज के दौरान उन्होंने कई नाटकों में काम किया था। वह थिएटर करती थीं। अभिनय का न सिर्फ शौक था बल्कि वह बेहतरीन अदाकारा रही थीं। अभिनय की समझ उनमें पहले से थी। उन्हें लगा कि लोगों में अवेयरनेस लाने के लिए फिल्म में काम करना चाहिए। इसलिए वे मना नहीं कर पाई।

सिमाला बॉलीवुड की कई फिल्मों में काम की हैं। वह डायरेक्टर जैगम इमाम की फिल्म नक्काश में टीवी पत्रकार की भूमिका निभाई थीं। फिल्म में सिमाला हिंदू मंदिरों में नक्काशी करने वाले एक शख्स का इंटरव्यू किया था। इस रोल के लिए वह टीवी चैनलों को ऑब्जर्व करती थीं।इंदौर में सीएसपी विजय नगर और एएसपी ईस्ट के पद पर कार्य कर चुकी सिमाला बॉलीवुड फिल्म अलिफ में मुख्य किरादार में नजर आई थीं। इस तरह उन्होंने अपनी एक्टिंग स्किल को भी आजमाया और बॉलीवुड फिल्मों में काम किया।

डायरेक्टर जैगम इमाम अपनी फिल्म अलिफ की कास्टिंग कर रहे थे। इस दौरान दिल्ली में एक कार्यक्रम में उनकी मुलाकात सिमाला से हुई। सिमाला के अनुसार ‘स्कूल और कॉलेज के दौरान उन्होंने कई नाटकों में काम किया था। वह थिएटर करती थीं। अभिनय का न सिर्फ शौक था बल्कि वह बेहतरीन अदाका रही थीं। अभिनय की समझ उनमें पहले से थी। उन्हें लगा कि लोगों में अवेयरनेस लाने के लिए फिल्म में काम करना चाहिए। इसलिए वे मना नहीं कर पाई।

बता दें कि मध्यप्रदेश कैडर की आईपीएस अफसर सिमाला 2011 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। अच्छी पुलिसिंग को लेकर भी सिमाला मध्यप्रदेश में सुर्खियों में रही हैं। प्रदेश के कई जिलों में वह एसपी के रूप में भी तैनात रहीं। कोरोना से जंग में पुलिस अधिकारियों और जवानों की बड़ी भूमिका है। घर परिवार से दूर रहकर पुलिस के लोग 24-24 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं। आम आदमी को कोरोना से बचाने के लिए पुलिस के लोग अपनी जान की परवाह नहीं कर रहे। पुलिस बल के लोगों का हौसला बढ़ाने के लिए आईपीएस एसोसिएशन की सचिव IPS सिमाला प्रसाद ने कविता लिखी हैं। इस कविता के जरिए कोरोना काल में वह पुलिस की स्थिति को बयां करने की कोशिश की हैं। कैसे हम मुसीबतों को झेलते हुए अपने कर्म पथ पर डटे हैं।