टीआरपी डेस्क। मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। वह विधानसभा की सदस्यता के बगैर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में छह महीने पहले शामिल हुए थे। सिलावट ने संवैधानिक प्रावधानों का हवाला देते हुए मंत्री पद से इस्तीफा दिया है। 

स्वेच्छा से मंत्री पद छोड़ने का जिक्र

सिलावट ने 20 अक्तूबर की तिथि में लिखा अपना त्यागपत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भेज दिया है। इसमें उन्होंने ‘स्वेच्छा’ से मंत्री पद छोड़ने की बात का जिक्र किया है। सिलावट ने अनुरोध किया कि त्यागपत्र 20 अक्तूबर की अपरान्ह से स्वीकार कर लिया जाए। बुधवार को यह त्यागपत्र मीडिया के सामने आया है।

  बिना विधायक के बने थे मंत्री

उपचुनाव से पहले मध्यप्रदेश की राजनीति में काफी कुछ बदलता हुआ नजर आ रहा है। सीएम चौहान के मंत्रिमंडल में तुलसी सिलावट बिना विधायक के मंत्री बने थे। नियम के अनुसार कोई भी व्यक्ति बिना विधायक हुए मंत्री सिर्फ छह महीने तक बन सकता है। 

सांवेर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाए गए हैं सिलावट

मध्यप्रदेश में होने वाले 28 सीटों के उपचुनाव में भाजपा ने सिलावट को इंदौर जिले की सांवेर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाया है। उनके सामने कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू हैं। राज्य में तीन नवंबर को उपचुनाव होने हैं और 10 नवंबर को नतीजे सामने आएंगे। 

कांग्रेस छोड़ थामा भाजपा का हाथ

बता दें कि सांवेर सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में तुलसी सिलावट ने 2018 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। इसके बाद वह तत्कालीन कमलनाथ सरकार में मंत्री बने थे। राजनीतिक घटनाक्रमों के चलते सिलावट ने मार्च में विधायक पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया के नक्शेकदम पर चलते हुए भाजपा का दामन थाम लिया था।

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