कोरबा। जिले के आइटी कॉलेज (it college)को खोजे से भी विद्यार्थी नहीं मिल रहे हैं। कॉलेज (college)की चार ब्रांच में कुल 240 सीट के विपरीत 15 पर दाखिला हो चुका है। शेष 225 सीटें अब भी खाली हैं। ईईई (eee)और मैकेनिकल इंजीनियरिंग(mechanical Engineering) की सारी की सारी सीटें खाली रह गर्इं। ऐसे में कई छात्र तो यही कह रहे हैं कि ये बात समझ में न आई काहे को आईटी(it) बनाई…!
क्या है ये पूरा माजरा :
अब जरा ये पूरा माजरा आप भी समझ लीजिए। दरअसल हुआ यूं कि आइटी कॉलेज में दूसरी काउंसलिंग में पात्रता साबित करने वाले चयनित विद्यार्थियों की सूची जारी की गई थी। इस बार भी इंजीनियरिंग की नई बैच के लिए दाखिले को लेकर विद्यार्थियों की रुचि अपेक्षा के अनुरूप नहीं दिख रही। आइटी कॉलेज की 240 सीट के लिए 15 ने रुचि दिखाते हुए दाखिला लिया है।
क्या है छात्र-छात्राओं की मंशा:
सीटें खाली रह गर्इं तो इसके पीछे के कारण की भी थोड़ी पड़ताल कर लेते हैं। दरअसल इस साल अब तब सबसे ज्यादा छह सीटें सिविल की भरी गई हैं। सीएस में चार जबकि ईईई व मैकेनिकल में सबसे कम 1-1 सीट भरी है। पिछले तीन साल से प्रथम चरण में ईईई में ही सबसे कम विद्यार्थी आ रहे। वर्ष 2016 में ईईई की 60 सीट के विपरीत पहले चरण में मात्र आठ, कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में 22, मैकेनिकल में 29 तथा सबसे ज्यादा सिविल में 63 सीट आवंटित हुई थीं। तो वहीं वर्ष 2017 में 39 सीट समेत 48 फीसदी कम विद्यार्थियों को सीटें अलॉटमेंट की गर्इं। पिछले साल पहली काउंसलिंग के बाद आवंटित 39 सीट में भी सीएसई व सिविल में सबसे ज्यादा प्रवेश हुए थे, यानि कि बात साफ है कि छात्र-छात्राओं का ज्यादा रुझान सिविल इंजीनियरिंग की ओर है।

 

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