सुप्रीम कोर्ट

 टीआरपी डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिब्यूनल सुधार एक्ट और नियुक्तियों को लेकर केंद्र सरकार पर कड़ी नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि हमें लगता है कि केंद्र को इस अदालत के फैसलों का कोई सम्मान नहीं है, लेकिन हमारे सब्र का इम्तेहान न लें।  हमने पिछली बार भी पूछा था कि आपने ट्रिब्यूनलों में कितनी नियुक्तियां की हैं। अदालत ने केंद्र सरकार को ट्रिब्यूनल में नियुक्तियों के लिए केंद्र सरकार को एक हफ्ते की मोहलत दी है।

सीजेआई ने कहा, हमें बताइए कि कितनी नियुक्तियां हुई हैं। हमारे पास तीन ही विकल्प हैं, पहला कानून पर रोक लगा दें, दूसरा ट्रिब्यूलनों को बंद कर दें और खुद ट्रिब्यूनलों में नियुक्ति करें और  फिर सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करें।
चीफ जस्टिस ने कहा कि हम जजों की नियुक्ति के मामले पर आपने जिस तरह से कदम उठाए, उसकी सराहना करते हैं। लेकिन ट्रिब्यूनल के लिए एक सदस्यों की नियुक्ति के लिए इतनी देरी का कारण क्या है, यह समझ से परे है। NCLT में रिक्तियां पड़ी हैं। अगर आपको इस कोर्ट के दो जजों पर भरोसा नहीं है, तो फिर हम क्या कह सकते हैं।

जस्टिस डीवीई चंद्रचूड ने कहा कि मेरे पास IBC के बहुत मामले आ रहे हैं, ये कॉरपोरेट के लिए बहुत जरूरी हैं, लेकिन NCLAT और NCLT में नियुक्तियां नहीं हुई हैं तो केसों की सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा, मैंने NCDRC  के लिए चयन समिति की अध्यक्षता की है, CJI  ने NCLAT की अध्यक्षता की है।

बता दें कि सीजेआई एनवी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव की बेंच ट्रिब्यूलनों में नियुक्तियों और ट्रिब्यूनल सुधार एक्ट, 21 के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है।

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