हेलसिंकी। दुनिया की सबसे युवा राष्ट्राध्यक्ष फिनलैंड की सना मारिन को महज 34 साल की उम्र में फिनलैंड

का प्रधानमंत्री चुना गया। Sanna Marin 22 साल की उम्र में राजनीति में आईं। इन 12 सालों में उन्होंने पहले चुनाव

में हार से लेकर देश के सर्वोच्च पद तक का सफर तय किया है। हालांकि, यह इतना आसान नहीं था। मारिन

के मुताबिक उनका बचपन मुश्किलों से भरा रहा। वे समलैंगिक (लेस्बियन) अभिभावकों की इकलौती संतान

हैं। बचपन में ही उनकी मांओं का अलगाव हो गया और यहीं से तकलीफों की शुरुआत हुई।

 

खुद तकलीफ उठाई, इसलिए युवाओं की फिक्रमंद :

मांओं के अलगाव के बाद मारिन हेलसिंकी से पर्कला शहर आ गईं। उन्हें जेब खर्च और पढ़ाई के लिए नौकरी

करनी पड़ी। मारिन ने अपने ब्लॉग में लिखा है कि उन्होंने पहली नौकरी 15 साल की उम्र में टैम्पीर शहर की

एक बेकरी कंपनी में की। हाईस्कूल में पहुंचीं तो मैगजीन भी बांटीं। ग्रैजुएशन के बाद कुछ साल दुकानों में

बतौर कैशियर काम किया। टैम्पीर यूनिवर्सिटी में एडमिनिस्ट्रेटिव साइंस की पढ़ाई के दौरान उन्होंने “सिटी यूथ

ऑफिस” में और सेल्समैन के तौर पर भी काम किया।

 

मारिन मानती हैं कि बेरोजगार युवाओं को हमेशा कोई अस्थायी काम मिलना चाहिए। इससे युवाओं का समाज

और खुद पर भरोसा बढ़ता है। उन्होंने कभी अपने लिए स्टूडेंट लोन नहीं लिया, क्योंकि उन्हें इस बात का भरोसा

नहीं था कि वो इसे चुका पाएंगी।

हफ्ते में 4 दिन, कुल 24 घंटे काम की समर्थक :

Sanna Marin ने इस साल सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (Social Democratic Party)के 120 साल पूरे होने पर

परिवहन और संचार मंत्री (Transport and Communication Minister) के तौर पर पैनल डिस्कशन में

हिस्सा लिया। इसमें उन्होंने कहा था, “हफ्ते में चार दिन और हर दिन छह घंटे काम होना चाहिए। यही दुनिया

में अगला ट्रेंड होगा।” Sanna Marin ने अपनी पार्टी से हफ्ते में कम दिन काम के प्रस्ताव को लागू करने के

लिए कहा था। उनका पक्ष था कि हर दिन आठ घंटे काम की बजाय परिवार के साथ अधिक समय बिताना

जरूरी है। इसके अलावा लोगों को अपनी रुचि की चीजों को बेहतर करने पर भी ध्यान देना चाहिए।

Marin के मुताबिक, पढ़ाई में उनकी सफलता ठीक-ठाक ही थी। लेकिन स्कूल के बाहर डांस, खेल और कुत्तों

को टहलाना उनका पसंदीदा काम था। उनके काम के दिन कम करने का प्रस्ताव विपक्ष ने ठुकरा दिया था।

फिनलैंड में फिलहाल हफ्ते में पांच दिन और हर दिन आठ घंटे काम का नियम है।

 

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