दुष्कर्म के मामले में उप्र-बिहार को पछाड़ आगे बढ़ा छत्तीसगढ़, एक दिन में होती हैं 3 वारदातें : NCRB
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टीआरपी डेस्क। कवर्धा के कोर्ट ने एक 49 साल के शख्स को मरते दम तक जेल में रहने की सजा दी है। दोषी ने एक 12 साल की मानसिक व शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्ची के साथ दुष्कर्म किया था।  इस मामले में कोर्ट ने पीड़ित की इशारों में दी गई गवाही के बाद 2 साल बाद फैसला सुनाया है।

मामला 22 अगस्त 2019 का है। सुखनंदन पीड़ित के स्कूल से वापस आने के दौरान उसे अपने निर्माणाधीन घर में ले गया। वहां उसके साथ रेप किया। इस मामले में पुलिस ने सुखनंदन को 23 अगस्त को गिरफ्तार किया था।

गवाही के दौरान बच्ची की मां भी कोर्ट में थी मौजूद

बच्ची ने कोर्ट में विशेष न्यायाधीश वेन्सेस्लास टोप्पो के सामने इशारों में ही गवाही दी। क्योंकि बच्ची सही ढंग से नहीं बोल पा रही थी। गवाही के दौरान बच्ची की मां भी कोर्ट में मौजूद रही। बच्ची द्वारा किए गए इशारों को मां ने सत्यापित किया। शुक्रवार को कोर्ट ने इस मामले में धारा 363 व 366 में 5-5 वर्ष व 500-500 रुपए का अर्थदंड व 376(क,ख) में मरते दम तक की जेल की सजा सुनाई है।

23 अगस्त 2019 से जेल में बंद है दोषी

दोषी सुखनंदन बर्वे 23 अगस्त 2019 से जेल में बंद है। गंभीर अपराध के कारण कोर्ट ने पहले ही दोषी की जमानत को खारिज कर दिया था। इस प्रकरण में मात्र दो वर्ष के भीतर ही फैसला आ गया है। गवाह व बयान को देखते हुए कोर्ट ने 34 पेज में अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को क्षतिपूर्ति देने के निर्देश दिए हैं। पीड़ित बच्ची को जल्द से जल्द क्षतिपूर्ति राशि दिए जाने को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

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