22 मार्च की सुबह घर लौटा था जॉर्नलिस्ट, अभी तक नहीं है बीमारी के कोई लक्षण
 बैक डेट से पोस्टर बनाकर चिपकाया घर के बाहर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में कोरोना के कहर बीच प्रदेश के ग्रामीणों को हो रही परेशानी थमने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में कई ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधि अपनी निजी द्वेष को भुनाने में लगे हैं। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले से सामने आया है। बताया जा रहा रायपुर से अपने गांव लौटे एक पत्रकार को वहां के सरपंच,सचिव ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से होम आइसोलेशन पर 23 दिन के लिए कोरेंटाइन किया है।

जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत बसना अंतर्गत ग्राम लोहड़ीपुर के सचिव तथा पूर्व सरपंच पर ग्राम विकास कार्य में जारी हुए 14वें वित्त आयोग के फण्ड से लाखों के भष्ट्राचार और गबन का आरोप है। बता दें महासमुंद कलेक्टर को इसकी शिकायत की जा चुकी है, जिसमें कलेक्टर द्वारा अति शीघ्र जांच का अश्वासन दिया गया है। इसी फंडाफोड़ के डर की वजह से अपने गृह ग्राम पहुचे पत्रकार को इन क्रियायों से परेशान कर उनके घर के बाहर 23 दिन के लिए आइसोलेशन में रहने की पर्ची चस्पा कर दी।

14 के बजाय 23 दिन के लिए रखा आइसोलेसन में

भारत सरकार और राज्य सरकार के दिशा- निर्देश के अनुसार विदेश से लौटे व्यक्ति को 28 दिन के लिए आइसोलेशन और भारत या मूल राज्य के किसी शहर से लौटे व्यक्ति को 14 दिन के आइसोलेशन में रखने का प्रावधान है। जबकि ग्राम पंचायत के जनप्रतिनिधियों द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए पत्रकार को 23 दिन के लिए आइसोलेशन में रखा गया है, साथ ही उन्हें नियमानुसार मास्क,सेनिटाइज़र, वगैरह भी नहीं दिया गया।

आइसोलेसन में भी हो रहा भेदभाव

गांव में लगभग दस से अधिक व्यक्ति राजधानी और राज्यों से वापस लौटे हैं लेकिन, सभी को न ही होम आइसोलेट किया गया है और न ही घर के बाहर पर्ची चस्पा किया गया है।

मुझे शिकायत मिली है, हमारे स्वास्थ्य कर्मचारियों द्वारा गलती हुई है, मैं बसना के इंचार्ज से बात कर रहा हू, जल्द से जल्द गलती में सुधार हो जाएगा।

-डॉ छत्रपाल चंद्राकर, कोरोना संक्रमण रोकथाम अधिकारी,महासमुंद।

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