टारगेट पूरा करने रात 8 से तड़के 3 बजे तक 7 घंटे में एक ही सर्जन ने कर दी 101 महिलाओं की नसबंदी

टीआरपी डेस्क। छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग का भयावाह चेहरा सामने आया है। टारगेट पूरा करने एक सर्जन ने 7 घंटे में कर दी 101 महिलाओं की नसबंदी। इतना ही नहीं सर्जरी के बाद महिलाओं को अस्पताल के फर्श पर ही लेटा दिया गया।

ताजा मामला सरगुजा जिले के मैनपाट का है। बता दें कि स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार 1 दिन में केवल 30 महिलाओं की ही नसबंदी की जा सकती है। वहीं मैनपाट विकास खंड के नर्मदापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 100 से अधिक महिला हितग्राहियों की नसबंदी की गई।

बता दें कि परिवार कल्याण योजना के तहत नसबंदी करवाने वाले महिलाओं को 1200 रुपए और पुरषों को 2200 की राशि दी जाती है। साथ ही जो इन हितग्राहियों को प्रेरित कर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तक लाते हैं, उन्हें इसके एवज प्रति महिला 200 रुपए और प्रति पुरूष 300 रुपए दिए जाते हैं। यही वजह है कि इतनी बड़ी संख्या में लोगों को नसबंदी के लिए लाया गया।

बता दें कि महिलाएं नसबंदी के लिए दोपहर 12 बजे से पहुंची थी। सर्जरी रात 8 बजे शुरू हुई। रात 3 बजे तक 7 घंटे में एक डॉक्टर ने यहां 101 महिलाओं का ऑपरेशन कर दिया। यानी एक महिला की सर्जरी महज 4-5 मिनट मे ही कर दी गई।

नसबंदी के बाद महिलाओं को फर्श में बिछाई गई दरी पर 5 से 10 मिनट के लिए लिटाया गया। इसके बाद रात में ही उन्हें घर भेज दिया। बता दें कि सरकार ने एक दिन में 30 ऑपरेशन की गाइड लाइन तब जारी की थी, जब नसबंदी कांड हुआ था और 18 महिलाओं की जान गई थी।

7 साल पहले नसबंदी के बाद 18 की हुई थी मौत

8 नवंबर 2014 को बिलासपुर के पेंडारी और पेंड्रा में नसबंदी शिविर में 137 महिलाओं का ऑपरेशन किया था। इसमें 18 की मौत हुई थी। महिलाओं की मौत के पीछे संक्रमण की आशंका जताई गई थी।

भीड़ आई तो करना पड़ा ऑपरेशन

महिलाओं की भीड़ अचानक आ गई और हमें उनका ऑपरेशन करना पड़ा। नियम तो एक दिन में 30 नसबंदी सर्जरी करने की है। मगर महिलाएं ही अड़ गई कि हम आए हैं तो सर्जरी करवा कर ही जाएंगे।
डॉ. आरएस पैकरा, बीएमओ, मैनपाट

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