Tokyo Olympic 2021: कभी जूतों की चाहत में सुमित ने पकड़ी थी Hockey स्टिक, अब बन गए सोनीपत के पहले पुरुष हॉकी ओलंपियन
Tokyo Olympic 2021: कभी जूतों की चाहत में सुमित ने पकड़ी थी Hockey स्टिक, अब बन गए सोनीपत के पहले पुरुष हॉकी ओलंपियन

स्पोर्ट्स डेस्क। हॉकी खिलाड़ी सुमित सोनीपत के पहले पुरुष ओलंपियन बन गए है। सोनीपत का पहला पुरुष हॉकी खिलाड़ी सुमित 23 जुलाई से 8 अगस्त तक प्रस्तावित टोक्यो ओलंपिक खेल में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।

बचपन में बड़े भाई अमित ने दी थी जूतों की लालच 

सोनीपत के कुराड़ गांव के सुमित आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। बचपन में सुमित को हॉकी स्टिक और जूतों की बहुत चाहत थी। आठ वर्ष की आयु में बड़े भाई अमित ने सुमित को खेलने के लिए यही लालच दिया। बस, सुमित फौरन गांव के एचके वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में स्थापित हॉकी अकादमी की ओर दौड़ लिए। हॉकी स्टिक व जूते पाकर ऐसी खुशी मिली कि उन्होंने हॉकी को ही जीवन बना लिया।

सुमित ने कभी अभावों को अपनी कमजोरी नहीं बनने दी 

बड़े भाई अमित बताते हैं कि उनका छोटा भाई सुमित सोनीपत पुरुष हॉकी का पहला ओलंपियन बना है। सुमित ने अभावग्रस्त जीवनयापन किया है, लेकिन अभावों को कभी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। समय-समय पर सुमित ने भी होटल वगैरह में काम कर परिवार को आर्थिक सहारा देने का प्रयास किया है। परिवार पर आर्थिक बोझ न पड़े, इसके लिए वह हॉस्टल और साई से अपने घर पर भी बहुत कम आता था। बड़े भाई जय सिंह की शादी में भी वह अपनी खेल प्रतियोगिता के कारण शामिल नहीं हो सका।

सुमित को ग्रामीण खेलों में (अंडर-16 आयुवर्ग) हिस्सा लेने के लिए छत्तीसगढ़ जाना था, जिसके लिए साढ़े सात सौ रुपये की आवश्यकता थी। लेकिन आर्थिक स्थिति रोड़ा बन गई। इस पर बड़े भाई जय सिंह ने अपनी घड़ी गिरवी रखकर सुमित को खेलने के लिए भेजा। सुमित ने अपनी प्रतिभा, लगन व मेहनत के बल पर लगातार सफलता के नये कीर्तिमान स्थापित किए हैं। सुमित की माता का नवंबर-2020 में देहांत हो गया था।

जूनियर विश्व कप में हासिल किया स्वर्णिम पदक

हॉकी खिलाड़ी सुमित ने स्कूल स्तर से ही हॉकी में नाम कमाना शुरू कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने जिला स्तर, राज्य स्तर, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में अपना जलवा बिखेरा। बेहतरीन मिड-फिल्डर सुमित मलेशिया में हुए सुल्तान जौहर कप और 2016 में हुए जूनियर विश्व कप में स्वर्णिम पदक हासिल किया। उन्होंने 2016 में हुई इंडियन हॉकी लीग में हिस्सा लेते हुए सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार भी प्राप्त किया। 2017 में मलयेशिया में हुए सुल्तान अजलानशाह कप में कांस्य पदक, लंदन में हुई विश्व लीग में सेमीफाइनल तक का सफर तय करते हुए बांग्लादेश में हुए एशिया कप में स्वर्णिम पताका फहराई और इसी वर्ष विश्व हॉकी लीग में कांस्य पदक भी जीता।

2018 में सुल्तान अजलानशाह कप तथा कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया। 2018 में ओमान में हुई एशियन चैंपियन्स ट्रॉफी में स्वर्ण पदक जीता और सीनियर विश्व कप में प्रतिभागिता की। 2019 में मलयेशिया में हुए सुल्तान अजलानशाह कप में रजत पदक प्राप्त करते हुए ओलंपिक क्वालीफाई राउंड में क्वालीफाई किया। उन्होंने बेल्जियम, आस्ट्रेलिया, भारत, रशिया व इंग्लैंड में हुई विभिन्न हॉकी प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा लिया।

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