टूटेगा पंडरी हाट बाजार, आरडीए ने दिया 200 दुकानों के निर्माण का प्रस्ताव… शासन ने 15 दिनों के भीतर मांगा डीपीआर
टूटेगा पंडरी हाट बाजार, आरडीए ने दिया 200 दुकानों के निर्माण का प्रस्ताव… शासन ने 15 दिनों के भीतर मांगा डीपीआर

रायपुर। आरडीए ने गुपचुप तरीके से शिल्प कला मंदिर ‘पंडरी हाट बाजार’ को तोड़ शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के निर्माण की योजना तैयार कर ली है। टीआरपी के सूत्रों के अनुसार इस योजना की फाइल फिलहाल मंत्रालय में है और शासन ने 15 दिनों में डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट मांगी है।

पंडरी हाट को बताया असामाजिक तत्वों का डेरा

टीआरपी सूत्रों के अनुसार आरडीए के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़ ने ही विभागीय मंत्री को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि देवेंद्र नगर पंडरी में छत्तीसगढ़ हाट के लिए आरडीए ने हस्तशिल्प विकास बोर्ड को 4 एकड़ भूमि सन 2002 में 30 वर्ष के पट्टे पर दी थी। धुप्पड़ ने आगे लिखा है कि “हाट में वर्ष में एक या दो बार ही प्रदर्शनी लगती है, जबकि बाकी समय यह खाली रहता है। जहां असामाजिक तत्वों का डेरा लगा रहता है।

ऐसी स्थिति में बोर्ड को आबंटित हाट बाजार को अन्यत्र स्थानांतरित किया जाना उचित होगा। पंडरी का यह इलाका सबसे व्यस्ततम प्रमुख बाजार है, और यहां अगर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण होता है तो एक बड़ी राशि आरडीए को उपलब्ध हो सकेगी। छत्तीसगढ़ हाट की भूमि का स्वामित्व आरडीए के पास ही है, अतः आरडीए की समस्या को दृष्टिगत रखते हुए यहां व्यावसायिक परिसर के निर्माण की अनुमति दी जाए।”

डीपीआर के लिए 15 दिनों का समय

छत्तीसगढ़ हाट के स्थान पर कॉमर्शियल कॉम्प्लेक्स बनाने की इतनी हड़बड़ी है कि आरडीए से प्रस्ताव मिलने के तत्काल बाद शासन ने 15 दिनों के भीतर ही कॉम्लेक्स निर्माण के लिए पूर्ण प्रस्ताव याने डीपीआर भेजने को कहा है। स्वाभाविक है कि इस आदेश के साथ ही आरडीए के प्रशासनिक अमले ने अपनी प्रक्रिया तेज कर दी होगी।

सच को दबा गए धुप्पड़

आरडीए के इस प्रस्ताव के बारे में जब टीआरपी न्यूज़ ने आरडीए के अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़ से बात की तो उन्होंने कहा कि यह तो शासन के स्तर की बात है। इसके बारे में शासन से ही पूछिए। फिर उन्होंने पंडरी में छत्तीसगढ़ हाट के स्थान पर कॉम्प्लेक्स बनाने संबंधी कोई भी प्रस्ताव भेजे जाने की बात से ही इंकार कर दिया। जबकि टीआरपी के सूत्रों को पता चला है कि यह प्रस्ताव खुद सुभाष धुप्पड़ ने ही रायपुर जिले के प्रभारी मंत्री रविन्द्र चौबे को सौंपा है।

छत्तीसगढ़ हाट में पूरे समय सुरक्षाकर्मी रहते हैं तैनात

हस्तशिल्प विकास बोर्ड के महाप्रबंधक एस.एल. धुर्वे से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ हाट के निर्माण में 8 करोड़ की लागत आई। इसमें केंद्र सरकार का योगदान 70 प्रतिशत का था। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ हाट के सन 2007 में निर्माण के साथ ही यहां प्रदर्शनी की संख्या बढ़ती गई। अब हर वर्ष यहां 6 से 7 प्रदर्शनियां लगती हैं। हाट की सफलता को देखते हुए ही भारत सरकार के हस्तशिल्प वस्त्र मंत्रालय ने यहां पूरे साल प्रदर्शनी लगाने की अनुमति दे दी है। टीआरपी न्यूज़ के सवाल पर एस.एल. धुर्वे ने बताया कि छत्तीसगढ़ हाट में पूरे समय सुरक्षा कर्मियों की तैनाती रहती है, जो यहां की सुरक्षा व्यवस्था के लिए तत्पर रहते हैं।

देश के कोने-कोने से आते हैं शिल्प जगत के महारथी

पंडरी हाट बाजार पारंपरिक शिल्प कला को सहेजने के लिए और रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए शासन द्वारा संचालित किया जाता है। चूकि यहां सबसे व्यस्त कपड़ा बाजार है। ऐसे में यहां देश के कोने-कोने से आने वाले शिल्पियों की कला को अच्छा बाजार मिलता है। ऐसे में अगर छत्तीसगढ़ हाट को किसी दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया जाता है तो सवाल यह उठता है कि उस स्थान पर शिल्पियों की कला को कितना महत्व मिलेगा?

सरकार का काम पैसे कमाना नहीं है : सुनील सोनी

रायपुर के भाजपा सांसद सुनील सोनी ने टीआरपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ हाट यहां की राजधानी में स्थापित है। यहां दूरदराज और दूसरे प्रदेशों के लोग भी आकर छत्तीसगढ़ की कला को देखते हैं और खरीदते भी हैं। सरकार को इसे और विकसित करना चाहिए। सुनील सोनी ने कहा कि सरकार का काम पैसे कमाना नहीं है, बल्कि सरकार का काम छत्तीसगढ़ की पहचान को आगे बढ़ाने और स्थापित करना है।

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