नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Congress President Sonia Gandhi) की अगुवाई में पार्टी महासचिवों, प्रदेश अध्यक्षों, पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं कई अन्य वरिष्ठ नेताओं की बैठक शुरू हो गई है। बैठक में सोनिया के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, पार्टी के वरिष्ठ नेता एके एंटनी, अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तथा पार्टी के कई महासचिव-प्रदेश प्रभारी, प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता शामिल हैं।

सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद पहली बैठक

इस बैठक में महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की 150वीं जयंती से जुड़े आयोजनों, सदस्यता अभियान, पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ विभिन्न राजनीतिक मुद्दों पर मंथन होगा। माना जा रहा है कि इस बैठक में महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड विधानसभा चुनाव के बारे में भी चर्चा होगी। सोनिया गांधी के अंतरिम अध्यक्ष बनने के बाद उनकी अगुवाई में यह पहली बैठक है।

राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के आपसी मतभेद उभरकर सामने आए

गौरतलब है कि कांग्रेस (Congress) इस समय सबसे बड़े संकट के दौर से गुजर रही है। अनुच्छेद 370 को लेकर जहां राष्ट्रीय स्तर के नेताओं के आपसी मतभेद उभरकर सामने आए तो राज्यों में भी आपस में पटरी नहीं खा रही है। मध्य प्रदेश में जहां सीएम कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच पटरी नहीं खा रहे हैं तो राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तनातनी साफ दिखाई दे रही है। वहीं महाराष्ट्र में भी पार्टी की नेता छोड़कर बीजेपी के साथ जा रहे हैं तो हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा कुछ दिन पहले तक बागी तेवर अपना चुके हैं।

इन सभी संकटों से कांग्रेस को अब दिल्ली, हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव का सामना करना है। सवाल इस बात का है कि क्या सोनिया गांधी आज कोई रास्ता निकाल पाएंगी।

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