टीआरपी डेस्क। जीने की ललक (Positive Attitude) हो तो इंसान जीवन की हर जंग जीत सकता है। हाल ही में कोरोना (Corona) से संक्रमित सबसे उम्रदराज महिला ने वायरस को मात दी। इस महिला का नाम माई हंदिकि है, जिनकी उम्र 100 साल है। जी हां असम की हंदिकि 10 दिन तक हॉस्पिटल में कोरोना (Corona) से लड़ने के बाद घर लौट चुकी हैं। कोरोना का संक्रमित होने पर उन्हें गुवाहाटी के महेंद्र मोहन चौधरी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।

10 दिनों के इलाज के बाद जब रिपोर्ट निगेटिव (Corona Report) आई तब हंदिकि ने इस दिन को गाना गाकर सेलिब्रेट किया। हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होते समय उन्होंने असमिया भाषा में गाना गाया।

डॉक्टरों ने कहा, जीने की ललक से मिली जीत

100 साल की हंदिकि का इलाज करने वाले डॉक्टरों का कहना है, यह उनके जीने की ललक (Positive Attitude) है। उन्होंने जिस तरह कोरोना से लड़ने की कोशिश की वह तारीफ के काबिल है। पॉजिटिव सोच से ही यह संभव हो सका है।

डॉक्टर्स और नर्सों को दिया धन्यवाद

हंदिकि की रिपोर्ट निगेटिव आने पर अस्पताल के कर्मचारियों ने उनके लिए एक पार्टी रखी। इस पार्टी हंदिकि शामिल हुईं और अपनी मधुर आवाज में असमिया गाने भी गाए। आपको बता दें कि वह हाई ब्लड प्रेशर की मरीज हैं। अस्पताल में जब हंदिकि भर्ती हुईं थी तो डॉक्टर्स काफी परेशान थे। मगर उनके जीने की इच्छा ने इस बीमारी को मात दे दिया। असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा ने माई के इस जज्बे की तारीफ की।

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