मल्लपुरम। केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उतरने से सभी की नजरें यहां टिक गई हैं। गुरुवार को राहुल ने अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। पर्चा भरने के बाद वह रोड शो के जरिए शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच कांग्रेस की सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के झंडे ने पार्टी के लिए नई मुश्किल खड़ी कर दी है। आईयूएमएल राज्य में यूडीएफ (यूनाइडेट डेमोक्रैटिक फ्रंट) की अगुआई कर रही कांग्रेस के बड़े सहयोगियों में से एक है। पार्टी के हरे झंडे को लेकर सोशल मीडिया पर चर्चा और कई अफवाहें भी चल रही हैं। गुरुवार को जब राहुल वायनाड पहुंचे तो कुछ मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि कांग्रेस उनके कार्यक्रम के दौरान आईयूएमएल के हरे झंडों से बचना चाहती है। इस चर्चा ने इतना जोर पकड़ा कि पार्टी के महासचिव केपीए मजीद को मीडिया में आकर सफाई देनी पड़ी।

हरे झंडे आखिर किसके:

उन्होंने मीडिया में आ रही खबरों को खारिज किया। मजीद ने साफ किया कि राहुल के वायनाड दौरे में ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ है कि आईयूएमएल के झंडे या सिंबल से बचा जाए। उन्होंने कहा, ‘पार्टी की स्थापना के पहले दिन से ही आईयूएमएल गर्व के साथ हरे झंडे का इस्तेमाल कर रही है।’

आईयूएमएल केरल में कांग्रेस की सहयोगी:

वायनाड से राहुल की उम्मीदवारी के ऐलान के बाद सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स ने विडियो पोस्ट किया। इस विडियो में कुछ लोग राहुल का पोस्टर लिए हुए आईयूएमएल का हरा झंडा लहरा रहे थे। पोस्ट में दावा किया गया कि वायनाड में राहुल के प्रचार अभियान के दौरान पाकिस्तानी झंडों का इस्तेमाल किया जा रहा है। आईयूएमएल के वायनाड जिला उपाध्यक्ष टी मुहम्मद ने कहा, ‘पार्टी की छवि को गिराने के लिए ऐसी कोशिशें की जा रही हैं। हमने हमेशा धर्मनिरेपक्षता और लोकतांत्रिक आदर्शों को ऊपर रखा है।’ मुहम्मद इस विधानसभा क्षेत्र में यूडीएफ की कैंपेन कमिटी के अध्यक्ष भी हैं।

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