रायपुर। राज्य में दवाओं को आपूर्ति करने वाली एक कंपनी को 3 साल के लिए काली सूची में डाल दिया है। बुधवार को ये जानकारी सीजीएमएससी के मैनेजिंग डॉयरेक्टर भुवनेश यादव ने दी। उन्होंने बताया कि ऐसी कई दूसरी कंपनियों को भी चेतावनी जारी की गई है। इरादा साफ है कि अगर अब गुणवत्ताहीन दवाओं की आपूर्ति की तो खैर नहीं।

क्या है पूरा मामला:

नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर सीजीएमएससी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि मेसर्स क्वालिटी फार्मा,अमृतसर पंजाब को तीन साल के लिए ब्लैकलिस्टेड कर दिया गया है। इस कंपनी ने मल्टीविटामिन एनएफआई फामूर्ला टैबलेट के 23 बैचों की जो आपूर्ति की थी, वह निर्धारित मानकों के अनुरुप नहीं थी। इसी बात को गंभीरता से लेते हुए कापोर्रेशन ने कंपनी को तीन साल के लिए कालीसूची में डाल दिया।

इनको मिली चेतावनी:

इसी प्रकार मेसर्स बोकेम हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड उज्जैन को औषधि पैरासिटामॉल टैबलेट,डिक्लोफेनेक टैबलेट, ओआरएस पावडर एवं रेनीटीडीन टैबलेट की अमानक आपूर्ति के लिए नोटिस जारी कर वॉर्निंग दी गई है। कापोर्रेशन की इस कार्रवाई से छत्तीसगढ़ में लंबे समय से दवा आपूर्ति करने वाली कंपनियों में खलबली मची है। कापोर्रेशन के अधिकारी ने बताया कि आने वाले दिनों में घटिया दवाई सप्लाई के कुछ और मामलों में भी कार्रवाई की जा सकती है। सरकारी अस्पतालों में जिन दवाओं की आपूर्ति होती है, लगातार उनकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। यही कारण है कि सरकारी अस्पताल के डॉक्टर्स जनरल पर्चेजिंग के लिए स्लिप लिखकर मरीजों को थमा देते हैं, क्योंकि उनको ऐसी कंपनियों की ओर से आपूरित दवाओं की कूबत पता होती है।

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