टीआरपी के पास दस्तावेज मौजूद
रायपुर। छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के अधिकारियों को 25 करोड़ के ठेके के बदले 25 लाख की शेफर ड्रिवन कार चाहिए। ये हम नहीं उन्हीं के दस्तावेज बयां कर रहे हैं, जो टीआरपी के पास मौजूद हैं। जी हां विभाग के अधिकारियों ने लग्जरी कारों के लिए शासन के नियमों को ताक पर रखकर,नए नियम कायदे ही बना डाले। इसमें साफतौर पर उल्लेख है कि 25 करोड़ से ऊपर के ठेके के लिए 25 लाख की लग्जरी गाड़ियां और 25 करोड़ से नीचे के ठेके के लिए 15 लाख तक की लग्जरी गाड़ियां ली जाएंगी। महंगी गाड़ियों के इस शौक के बदले विभाग ने करोड़ों के 11 लग्जरी वाहन इकट्ठा कर लिए।
अधिकारी तो बदले मगर वाहन नहीं:
ठेके के बदले वाहन नियम में शर्त शामिल है कि इन वाहनों का इस्तेमाल अधिकारियों द्वारा साइट विजिट किया जाएगा। साइट पर काम पूरा होने के बाद ये सभी वाहन हाउसिंग बोर्ड की संपत्ति हो जाएंगे। वर्तमान में हाउसिंग बोर्ड के कई अधिकारियों के विभाग तो बदल गए हैं मगर उनके द्वारा आज भी ठेके के बदले दी गई गाड़ियां इस्तेमाल की जा रही हैं।
ड्राइवर समेत ले लिए वाहन:
अधिकारियों की मनमानी केवल लग्जरी वाहन तक ही सीमित नहीं है। टीआरपी के पास उपलब्ध दस्तावेज में वाहन समेत एक चालक दिए जाने का भी उल्लेख है। प्रदेश में बिलासपुर, बलौदा बाजार, रायपुर समेत अलग-अलग शहरों में गृह निर्माण मंडल द्वारा रिहायशी आवासों का निर्माण कराया जाता है। जहां नियम कायदे को ठेंगा दिखाकर रखकर नई नियमावली तैयार कर ली गई । उसके जरिए अधिकारियों ने लग्जरी वाहनों के शौक को पूरा किया। इस संबंध में गृह निर्माण मंडल के एक अधिशासी अभियंता का कहना है कि यह खुद हमारे लिए आश्चर्यजनक था। हमने इसका विरोध भी किया जिसकी वजह से बाद में यह शर्त हटा ली गई। मगर तब तक कई वाहन खरीदे जा चुके थे। मिली जानकारी के अनुसार ठेका दिए जाने के बदले अधिकारियों ने इनोवा, क्रेटा समेत कई महंगी गाड़ियां लीं।
पहले वाहन फिर एग्रीमेंट :
हैरान कर देने वाले नियमों में अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट रूप से शामिल किए है कि सभी लग्जरी वाहन एग्रीमेंट से पहले विभाग को दिए जाएं, जिसके बाद ही एग्रीमेंट की प्रक्रिया पूरी होगी। वाहन आयुक्त, छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के नाम रजिस्टर्ड होंगे साथ ही वाहनों का टैक्स और इंश्योरेंस की रकम ठेकेदार को ही वहन करना होगा। अधिकारियों की मनमानी यहीं समाप्त नहीं होती, नियमावली की एक शर्त के अनुसार अगर प्रोजेक्ट के दौरान कोई गाड़ी खराब हो जाती है तो ठेकेदार को उसी किस्म की नई गाड़ी भी उपलब्ध करानी होगी।
एनआरडीए भी कम नहीं:
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल में अध्यक्ष रह चुके एक भाजपा नेता का कहना है कि ठेके के बदले कार की नियमावली के तहत गृह निर्माण मंडल ही नहीं एनआरडीए में वाहनों की पूर्ति की गई है। गृह निर्माण मंडल में लग्जरी वाहनों से संबंधित अनुबंध के दौरान सिद्धार्थ कोमल परदेसी आयुक्त थे। वर्तमान में कई ऐसे अधिकारी हैं जिनके विभाग तो बदल चुके हैं किंतु आज भी वे ठेके के बदले मिले वाहनों का ही इस्तेमाल कर रहे हैं।
वर्जन:
यह एक नीतिगत फैसला था। मैंने इस फैसले का कोई विरोध नहीं किया था।
हर्ष कुमार जोशी,
अतिरिक्त कमिश्नर
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल
यह सारे वाहन पुराने चले आ रहे उन नियमों के तहत लिए गए थे जो कि, गृह निर्माण मंडल में मेरी तैनाती से पहले ही मौजूद थे। मुझे याद नहीं है कि गृह निर्माण मंडल छोड़ते वक्त वहां इस प्रक्रिया के अंतर्गत लिए गए कितने वाहन मौजूद थे।
सिद्धार्थ कोमल परदेसी
पूर्व आयुक्त,
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल
ऐसा आदेश मेरी जानकारी में नहीं :
अगर इस तरह का प्रावधान होगा तो वो प्रशासनिक निर्णय होगा। फिलहाल ऐसा कोई आदेश मेरी जानकारी में नहीं है।
सुभाष राव,
पूर्व अध्यक्ष,
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल
ये सारे नियम कायदे बोर्ड बनाता है। उसका परीक्षण कर लीजिए सब पता चल जाएगा।
भूपेश सवन्नी
चेयरमैन
छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल