नई दिल्ली। जनता कांग्रेस जोगी के संस्थापक अजीत जोगी ने कल अपना 72 वां जन्म दिवस दिल्ली में सामान्य ढंग से मनाया , तो वही राजधानी रायपुर में उनके कांग्रेस में शामिल होने की खबर जोर पकड़ती रही। हालांकि उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि वह दोबारा कांग्रेस में जाएंगे। उन्होंने कहा के कांग्रेस में वापसी का तो अब कोई सवाल ही नहीं उठता है ।तो वही राजधानी में उनके कांग्रेस में जाने की खबर लगातार आती रही ।  

क्या है इसके पीछे की वजह:

जोगी ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जकांछ) से सभी 90 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशी उतारने की बात कहते रहे, लेकिन जैसे ही चुनाव पास आया, उन्होंने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के साथ गठबंधन कर लिया था। जकांछ 55 सीटों पर चुनाव लड़ी, उसमें से केवल पांच सीटों पर जीत पाई। जीती हुई सीटों में एक तो जोगी और दूसरी पत्नी डॉ. रेणु जोगी की है। इसके बाद जोगी ने लोकसभा चुनाव के रास्ते दिल्ली जाने की सोची।   उन्होंने विधानसभा चुनाव की तरह बसपा से गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला लिया। जोगी बसपा सुप्रीमो मायावती से 11 लोकसभा सीटों में से केवल एक या दो ही सीट चाह रहे थे। बाद में खुद के लिए एक सीट पर भी समझौता करने के लिए तैयार हो गए थे, लेकिन मायावती ने जकांछ के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी। ऐसी स्थिति में जोगी ने कहा कि वे साम्प्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की कि वे भाजपा को हराना चाहते हैं।   इसके बाद जोगी ने यह बयान भी दिया कि वे जब चाहेंगे, कांग्रेस में उनकी वापसी हो जाएगी। दरअसल, जोगी के लिए केवल पांच सीटों पर रहकर विपक्ष की राजनीति करते हुए जकांछ को चला पाना मुश्किल हो गया है, इस कारण वे कांग्रेस में आना चाह रहे हैं।  

पत्नी रेणु बन सकती हैं माध्यम :

जकांछ सुप्रीमो की पत्नी डॉ. रेणु जोगी को विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया, तो जकांछ के टिकट से चुनाव लड़कर विधायक बन गईं। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी से डॉ. रेणु जोगी का संबंध आज भी अच्छा है। जोगी और कांग्रेस हाईकमान के बीच चर्चा में रेणु जोगी माध्यम होंगी।  

जकांछ नेताओं का कांग्रेस प्रवेश के क्या संकेत :

जकांछ के टिकट से विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सात नेता ऐन लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में आ चुके हैं। कुछ ने कांग्रेस में प्रवेश किए बिना लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशियों के लिए काम किया है। इतना ही नहीं, जकांछ के कई प्रवक्ताओं और दूसरे पदाधिकारियों ने भी कांग्रेस में प्रवेश कर लिया है। जिन नेताओं ने जकांछ छोड़ा है, उनमें से कुछ का कहना है कि जोगी ने ही उन्हें हरी झंडी दी है। अब इसके पीछे कारण यही हो सकता है कि जोगी सोच रहे हैं, जब कांग्रेस में उनकी वापसी हो, तो उनकी टीम पहले से बनी रहे।  

कांग्रेस का बड़ा खेमा नहीं चाहेगा जोगी की वापसी :

कांग्रेस नेताओं-कार्यकर्ताओं का बड़ा खेमा नहीं चाहेगा कि जोगी की कांग्रेस में वापसी हो। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तो अंतागढ़ टेपकांड में जोगी और उनके पुत्र अमित जोगी की जांच के लिए एसआइटी का गठन कर दिया है। दोनों के खिलाफ एफआइआर भी हो चुकी है। बघेल कई बार कह चुके हैं कि अब जोगी के लिए कांग्रेस का दरवाजा बंद हो चुका है।   प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने भी यही बात कही है कि जोगी की वापसी संभव नहीं है, क्योंकि उनके नहीं रहने से कांग्रेस को उम्मीद से ज्यादा विधानसभा सीटों पर जीत मिली है। मंत्री टीएस सिंहदेव पहले ही कई बार कह चुके हैं कि जोगी कांग्रेस में वापस आए, तो वे राजनीति छोड़ देंगे। वहीं, कांग्रेस के पुराने नेता और कार्यकर्ता जकांछ के लोगों के कांग्रेस प्रवेश से भीतर ही भीतर नाराज हैं। उनका कहना है कि जब कांग्रेस मुश्किल दौर में थी, तब पार्टी छोड़कर चले गए थे। अब सत्ता में आ गई है, तो सुख भोगने के लिए कांग्रेस में वापस का रहे हैं।   Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें  Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।