रायपुर। सरकारी योजनाएं गरीब व जरूरतमंदों को ध्यान में रखककर ही बनाई जाती हैं। जिसमें स्वास्थ्य सुविधा काफी महत्तवपूर्ण है। इसी संबंध में सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की बैठक आयोजित की गई। जिसमें प्रदेश के जरूरतमंदों को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं पर मंथन किया गया। मगर इसमें ध्यान देने योग्य बात यह है कि यह बैठक शहर के पांच सितारा होटल में आयोजित की गई। जिसमें प्रदेश के जरूरतमंदों को दी जा रही स्वास्थ्य सुविधाओं का जायजा स्वयं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने लिया। जबकि सत्ता में काबिज वर्तमान सरकार हमेशा ही पूर्व सरकार पर फिजूलखर्ची का आरोप लगाती आई है।
फिजूलखर्ची से खुद को रोक न सकी वर्तमान सरकार
अक्सर सरकारी खजाना खाली होने की बात कहने वाली कांग्रेस सरकार खुद को फिजूलखर्ची से रोक नहीं सकी। सोमवार को एक महंगे होटल में स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग रखी गई। इस बैठक में शामिल हर व्यक्ति पर विभाग द्वारा करीब 800 रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। वह भी तब जब प्रदेश सरकार लगातार सरकारी खजाना खाली होने की बात कहते हुए नजर आती है। यही कारण है कि राज्य में कई विकास कार्य अधर में हैं। कई विभागों के कर्मचारियों को महीनों से भुगतान नहीं हुआ है। सीमित संसाधन होने के बावजूद सरकार द्वारा की जा रही फिजूलखर्ची समझ के परे है।
बैठक में तमाम बड़े अधिकारी रहे मौजूद
बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य सचिव निहारिका बारिक, प्रियंका शुक्ला, डायरेक्टर हेल्थ शिखा राजपूत तिवारी सहित प्रदेश के सभी जिलों के सीएमएचओ, सिविल सर्जन और डीपीएम सहित स्वास्थ्य के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद हैं।
इन स्थानों पर भी हो सकती थी मीटिंग
राजधानी में सरकारी ऑडिटोरियम, भवन और हॉल होने के बावजूद बैठकें पांच सितारा होटल में आयोजित किया जा रहा है। इसके बावजूद एक दिन के बैठक में लाखों का बिल बनेगा। मंत्रालय में काफी जगह है जहां सैकड़ों लोगों के बैठने की व्यवस्था है। मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम, डीकेएस हॉस्पिटल ऑडिटोरियम में भी काफी लोग आराम से बैठ सकते हैं। इतना ही नहीं खुद स्वास्थ्य मंत्री के बंगले में इतना स्पेस है जहां बड़ी बैठक आयोजित की सकती है। मगर सरकार और विभाग ने इन जगहों को दरकिनार करते हुए एक महंगे होटल को मीटिंग के लिए चुना, जहां दो दिन तक होने वाली इस मीटिंग में लाखों रुपए फूंक दिए जाएंगे।
आगे से रखा जाएगा ध्यानः स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि जब कम खर्च वाला उपयुक्त स्थल मिलेगा तब ही इस तरह के बैठकों का आयोजन किया जाएगा। आगे से इस बात का ख्याल रखा जाएगा।