रायपुर। तीन दिवसीय दिल्ली प्रवास के बाद सीएम भूपेश बघले रायपुर लौटे। इस दौरान उन्होंने एयरपोर्ट पर मीडिया से चर्चा की। उन्होंने अडानी को खदान आबंटित किए जाने के मामले को लेकर कहा कि रमन सिंह अपनी बात क्लीयर करें कि अडानी को एमओयू देने के पक्ष में हैं कि नहीं।

उन्होंने आगे कहा कि पिछली सरकार के फैसले को अधिकारी ही आगे बढ़ाते हैं, जब तक वर्तमान सरकार कोई फैसला न ले। वहीं, उन्होंने नीति आयोग की बैठक में जाने की बात भी कही। साथ ही मंत्रीमंडल में फेरबदल को लेकर कहा कि आलाकमान चर्चा के बाद ही कोई कदम उठाया जाएगा। बता दें कि सीएम भूपेश बघेल तीन दिवसीय प्रवास पर दिल्ली गए हुए थे। इस दौरान उन्होंने वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की। भूेपश के दिल्ली प्रवास को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि वे पीएम मोदी से भी मुलाकात करेंगे, क्योंकि वे मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हो पाए थे।

दरअसल बैलाडीला के खदान नंबर-13 को 2015 में पर्यावरण विभाग की अनुमति मिली। हैरानी की बात है कि एनएमडीसी द्वारा टेंडर जारी किए गए टेंडर से ठीक पहले सितंबर 2018 में अडानी ग्रुप ने बैलाडीला आयरन और माइनिंग कंपनी गठित की। दिसंबर 2018 में कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट भी मिल गया। अब जब सरकार बदल गई है तो सरकार इसे पिछली सरकार का निर्णय बता रही है। वहीं दूसरी ओर नंदीराज पहाड़ को बचाने के लिए आदिवासियों का संग्राम उग्र रूप ले चुका है। जिसे नेताओं व तमाम संगठनों का समर्थन भी मिल रहा है। ऐसे में सवाल यही है कि अदिवासियों के इस महासंग्राम का नतीजा क्या होगा>