लखनऊ। उत्तर प्रदेश का नया बीजेपी चीफ कौन होगा? इस बारे में सभी नेता मुंह बंद किए हुए हैं, लेकिन राज्य के कुछ सीनियर नेताओं ने संकेत दिया है कि योगी सरकार में मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, एमएलसी विद्यासागर सोनकर, लक्ष्मण आचार्य और सांसद महेश शर्मा नये अध्यक्ष की रेस में हैं।

इन नेताओं ने यह भी बताया कि इस अहम पद पर अमित शाह किसी ऐसे नेता को ला सकते हैं जिसकी राजनीतिक गलियारों में चर्चा ही नहीं हो। इस दौड़ में कुल चार नेता बताए जा रहे हैं।

स्वतंत्रदेव सिंह का बढ़ा कद:

आम चुनाव के स्वतंत्रदेव सिंह मध्य प्रदेश के इंचार्ज थे। एक बीजेपी नेता ने बताया कि उनके पास उस राज्य में अच्छा रिजल्ट देने की जिम्मेदारी थी, जहां हाल ही में बीजेपी सरकार गंवा बैठी थी, और कांग्रेस लंबे समय बाद सत्ता में लौटी थी।

यहां स्वतंत्रदेव सिंह ने बखूबी अपनी जिम्मेदारी निभाई और एमपी में बीजेपी ने 29 में से 28 सीटें जीती। इस बीजेपी नेता ने कहा कि स्वतंत्रदेव सिंह ने अच्छा काम किया और इसका फायदा पार्टी को मिला, एमपी में कांग्रेस के दिग्गजों में शुमार रहे दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव हार गए।

बीजेपी महासचिव और एमएलसी विद्यासागर सोनकर भी यूपी बीजेपी के लिए अध्यक्ष पद की रेस में हैं। एक बीजेपी नेता ने कहा कि चुनावों के दौरान मीडिया और कवरेज से जुड़े सभी गतिविधियों के इंचार्ज सोनकर थे।

सोनकर के जिम्मे पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह के दौरे की खबरों को मीडिया में प्रमुखता से कवरेज दिलाने की जिम्मेदारी थी। बीजेपी नेता के मुताबिक सोनकर के पास लखनऊ और मोहनलालगंज लोकसभा सीट का भी चार्ज था। सूत्रों के मुताबिक सोनकर अपनी जिम्मेदारी पर खरे उतरे।

पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विधानपरिषद के सदस्य और बीजेपी नेता लक्ष्मण आचार्य और गौतमबुद्धनगर से सांसद महेश शर्मा भी यूपी बीजेपी के अध्यक्ष पद की रेस में डार्क रेस साबित हो सकते हैं।

11 सीटों की चुनौती होगी नए प्रदेश अध्यक्ष पर :

हाल ही के लोकसभा चुनाव में महेंद्र नाथ पांडेय ने अपनी जिम्मेदारी बेहतरीन तरीके से संभाली। बीजेपी ने यूपी की 80 सीटों में 62 सीटों पर जीत हासिल की है। कुछ ही महीने में यूपी की 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाला है।

लिहाजा नए बीजेपी अध्यक्ष के सामने एक बार फिर से पार्टी की पुरानी परफार्मेंस दोहराने की चुनौती होगी। हालांकि नियमों के मुताबिक गृह मंत्री बन चुके अमित शाह को भी अपना पद छोड़ना पड़ेगा, लेकिन इससे पहले वे यूपी बीजेपी की कमान ऐसे नेता के हाथ में देना चाहेंगे, जो 2014 से चल रहे बीजेपी की परफॉर्मेंस को दोहराता रहे।

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें 

Facebook पर Like करें, Twitter पर Follow करें  और Youtube  पर हमें subscribe करें।