रायपुर। मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के तहत हर अक्षय तृतीया के मौके पर प्रदेश में बेटियों के हाथ पीले होते थे। इस वर्ष अबतक इसे लेकर कोई तारीख तय नहीं की गई है और न ही विभाग ने किसी प्रकार की तैयारी की है गई। लापरवाही का आलम यह है कि इस साल योजना के तहत विवाह के लिए आने वाले फार्म भी अभी तक नहीं लिए गए हैं।

हर साल अक्षय तृतीया के दिन होने वाले सामूहिक विवाह के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के लिए आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। मगर इस ओर विभाग का ध्यान ही नहीं गया। इधक शासन की ओर से विवाह के दौरान दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि में बढ़ोतरी भी की है।

प्रशासन की जिम्मेदारी

बीपीएल श्रेणी के विवाह योग्य युवक-युवतियों का विवाह इस योजना के तहत किया जाता है। मगर इसमें उनके परिवारवालों की भी आपसी सहमति होती है। विभाग की ओर से सामूहिक विवाह आयोजित कराया जाता है। इस दौरान प्रशासन स्वयं वर और वधु के पक्ष की जिम्मेदारी निभाता है।

दिए जाते हैं उपहार

इस आयोजन में जोड़ों को उनकी गृहस्थी सजाने के लिए दैनिक जीवन की आवश्यक वस्तुएं जैसे बर्तन, कपड़े और शादी का श्रृंगार का सामान दिया जाता है। सरकार की ओर से दिए जाने वाले उपहार की कीमत 15 हजार रुपए होती है।

पिछले साल 417 विवाह संपन्न

आपको बता दें कि पिछले साल रायपुर जिले से 417 विवाह संपन्न कराए गए थे। मगर इस वर्ष अभी तक इस योजना के लिए एक भी आवेदन नहीं मंगवाए गए हैं।  साल अभी तक इस योजना के तहत एक भी आवेदन स्वीकार नहीं किए गए हैं। योजना के तहत सामान की खरीद आचार संहिता हटाने के बाद की जा सकती थी। मगर अधिकारियों ने आचार संहिता की आड़ में इस योजना को ही दरकिनार कर दिया। प्रशासन की इस लापरवाही की वजह से प्रदेश के कई गरीब जोड़ों की शादी नहीं हो पा रही है।

आचार संहिता का हवाला

महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिला भेड़िया का कहना है कि इसबार लगातार चुनाव प्रक्रिया चल रही थी। आचार संहिता की वजह से इस योजना के तहत विवाह नहीं हो सके।