रायपुर। जल्दी ही मानसून प्रदेश में आने वाला है। वहीं गर्मी से तप रहे ट्रैफिक के जवानों को राहत देने के लिए जिस वातानुकूलित हेलमेट की बात की जा रही थी,अभी भी उसके आने में देरी है।

नवा रायपुर में 12 जून को हुई प्रदेश भर के थाना प्रभारियों की बैठक के दौरान डीजीपी डीएम अवस्थी ने इसकी टेस्टिंग की। डीजीपी डीएम अवस्थी ने बताया कि हेलमेट बनाने वाली कंपनी कुछ हेलमेट देगी, जिसका फील्ड में परीक्षण कराया जाएगा।

परीक्षण के बाद इसे खरीदने पर विचार किया जाएगा। यानि तब तक को सितम्बर आ जाएगा। ऐसे में फिर भला इस हेलमेट का क्या मतलब रह जाएगा? इसके बाद तो जवान यही कहेगा न कि रहने दो साहब… ये एसी वाला हेलमेट।

बैटरी से चलने वाली चिप करेगी ठंडा:

स्पेशल डीजी आरके विज ने बताया कि इस हेलमेट में एक चिप लगी है, जो बैटरी से संचालित होती है। इससे कितनी कुलिंग हो रही है, बैटरी कितने घंटे तक काम कर सकती है और बैटरी की लाइफ का परीक्षण किया जाएगा।

इस हेलमेट को जवानों की कमेटी से एप्रुवल मिलने के बाद खरीदी की जाएगी। गर्मी में ट्रैफिक पुलिस के जवानों को खुले में ड्यूटी करनी पड़ती है।

ऐसे में उन्हें राहत देने के लिए पुलिस विभाग की ओर से एसी वाला हेलमेट उपलब्ध कराने पर विचार किया जा रहा है। ऐसे में अगर इसको खरीदने में हिफाजत से ज्यादा देर होती है तो फिर इसकी आवश्यकता ही समाप्त हो जाएगी।

बारिश में बैटरी ट्रबल तो नहीं देगी:

इसमें सवाल तो ये भी है कि बारिश में जब जवान का सिर भीगा होगा। ऐसे में कहीं बैटरी ट्रबल तो नहीं देगी। इसका बैटरी बैकअप कितनी देर का होगा? क्या-क्या सावधानियां बरतनी होंगी? ये तमाम ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब अभी सामने आना जरूरी है।

 

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