जगदलपुर। जिले के लोहंडीगुड़ा थाने में सांसद और कलेक्टर के नाम पर थाना स्टाफ ने इंडस्लैंड बैंक के सेल्स एग्जीक्यूटिव के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। सेल्स एग्जीक्यूटिव विप्लव मंडल ने बताया कि उसरीबेड़ा गांव के किसान द्वारा ट्रैक्टर की किस्त और लोन ना पटा पाने के बाद ट्रैक्टर सीजिंग मामले में उन्हें लोहंडीगुड़ा थाने से फोन आया था,

जिसके बाद जब वह लोहंडीगुड़ा गए तो वहां पर थाने में घुसते ही सिपाहियों ने उनके मोबाइल को छीन लिया और एसआई और थाना स्टाफ ने मिलकर थप्पड़ मारा और उनका हाथ मरोड़ कर हाथापाई की जिसमें सेल्स एग्जीक्यूटिव को चोटे आई हैं, और चेहरे पर भी सूजन है।

विप्लव मंडल ने बताया कि उन्हें सब इंस्पेक्टर द्वारा बताया गया था कि इस मामले में कलेक्टर और सांसद भी इंवॉल्व हैं। इसलिए कलेक्टर और सांसद के कहने पर ही उनके साथ यह मारपीट की जा रही है।

हालांकि विप्लव मंडल के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता संकल्प दुबे ने घटना की जानकारी मिलते ही जगदलपुर के एडिशनल एसपी संजय महादेवा से इस बात की शिकायत की है।

पूरे मामले की जानकारी संकल्प दुबे ने कहा कि यदि किसी भी प्रकार का घटनाक्रम होता है तो कलेक्टर या सांसद को मारपीट करने का अधिकार नहीं है, साथ ही पुलिस को भी किसी भी नेता या बड़े अधिकारी के कहने पर साधारण इंसान के साथ फोन पर बुलाने के बाद हाथापाई करने का अधिकार बिल्कुल भी नहीं है, और यह कानूनी रूप से गलत है।

थाने में भी नही मिला कोई:

जब हमारी टीम ने थाना स्टाफ और एसडीओपी से पूरे मामले में बात करनी चाही तो ना तो एसडीओपी ने फोन उठाया और ना ही थाना प्रभारी ने। इसके साथ ही लोहंडीगुड़ा थाना जाने के बाद भी एसडीओपी और थाना प्रभारी थाने में नजर नहीं आए और ना ही मीडिया कर्मियों का फोन उठाया।

जाहिर सी बात है कलेक्टर और सांसद के नाम पर मारपीट करने के मामले में थाना स्टाफ के साथ साथ थाना प्रभारी और एसडीओपी भी कैमरे और मीडिया से बचते नजर आए। जिसके बाद एसपी और एडिशनल एसपी दोनों ही बाहर होने के कारण जिले के बड़े अधिकारियों से भी हमारी टीम पर का संपर्क नहीं हो पाया।

आपको बता दें कि लोहंडीगुड़ा थाना क्षेत्र में यह पहला मामला नहीं है, इसके पहले भी लोहंडीगुड़ा के थाना प्रभारी और थाना स्टाफ पर लापरवाही के साथ साथ मारपीट के कई आरोप लगते रहे हैं।

लेकिन आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। नाम न बताने की शर्त पर थाने के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि थाना प्रभारी और थाने के एसआई स्वयं को एसपी और आईजी के करीबी बताते हैं, और इसी बात के चलते लापरवाही और गलतियों के बावजूद उनके ऊपर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है।

मुझे मामले की जानकारी नहीं: सांसद

जब पूरे मामले में सांसद और कलेक्टर का नाम आने के बाद बस्तर सांसद दीपक बैज ने किसी भी प्रकार की घटना में खुद का नाम आने से साफ तौर पर इंकार किया, साथ ही हर प्रकार की जांच मैं साथ देने की की भी बात कही। बस्तर सांसद दीपक बैज ने लोहंडीगुड़ा थाने में इंडस्लैंड बैंक के सेल्स एग्जीक्यूटिव के साथ हुई मारपीट की घटना में सांसद का नाम आने से नाराजगी जताई। इसके साथ ही किसी भी प्रकार की जानकारी से भी इंकार किया। उन्होंने बताया कि ना तो उनके पास पीड़ित पर आया है और ना ही शिकायतकर्ता आए हैं। इसके साथ ही उन्हें लोहंडीगुड़ा थाने में उनके नाम पर हुई मारपीट के विषय में भी कोई जानकारी नहीं है।

क्या कार्रवाई करेगी पुलिस:

वैसे तो बस्तर पुलिस अपने अलग-अलग योजनाओं और अभियानों के माध्यम से लोगों के साथ हमदर्दी और सीधा संवाद करने में जुड़ी हुई है। लेकिन देखना यह होगा की एसपी और आईजी के करीबी माने जाने वाले थानेदार और थाना स्टाफ के द्वारा बस्तर सांसद और कलेक्टर के नाम पर सेल्स एग्जीक्यूटिव के साथ मारपीट करने के मामले में पुलिस विभाग क्या कार्यवाही करती है?

 

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