नई दिल्ली। ‘आपरेशन सनशाइन-2‘ के तहत पूर्वोत्तर के क्षेत्रों में भारत और म्यांमार ने उग्रवादी संगठनों पर संयुक्त कार्रवाई की है। दोनों देशों की सेनाओं ने अपनी-अपनी सीमाओं में उग्रवादी ठिकानों को तहस -नहस कर डाला। इस दौरान भाग रहे 80 उग्रवादियों को पकड़ भी लिया गया है।
भारतीय सीमा के अंदर इस आॅपरेशन में इंडियन आर्मी के दो बटालियन के अलावा विशेष सुरक्षा बल, असम राइफल्स के जवान इस सशस्त्र कार्रवाई में शामिल थे। म्यांमार की सेना के चार ब्रिगेड भी उग्रवादियों के खिलाफ एक्शन में शामिल थे।
फरवरी में भी हुई थी कार्रवाई:
इससे पहले, इसी साल 22 से 26 फरवरी के बीच आॅपरेशन सनशाइन-1 चलाया गया था। उस वक्त भारतीय सेना ने भारतीय क्षेत्र के भीतर संदिग्ध अराकान विद्रोही कैम्पों के खिलाफ कार्रवाई की थी। भारतीय सेना की कार्रवाई के दौरान भाग रहे विद्रोहियों को सेना धर दबोचा था।
8 आतंकी कैंप ध्वस्त:
वहीं, आॅपरेशन सनसाइन-2 के तहत भारतीय सेना ने 80 उग्रवादियों को पकड़ा है। उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया गया है। आॅपरेशन सनशाइन-2 के तहत एनएससीएन-के कम से कम सात से आठ कैम्पों के अलावा उल्फा केएलओ, एनईएफटी के ठिकानों को म्यांमार की सेना से नष्ट कर दिया है।
यह आॅपरेशन दोनों देशों की सेनाओं के बीच आपसी तालमेल से अंजाम दिया गया। अधिकारी ने बताया कि आॅपरेशन सनशाइन-1 के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच पैदा हुए भरोसे की वजह से इस बार मिशन कामयाब रहा है।
अधिकारी के अनुसार 2015 में भारतीय सेना ने उग्रवादी संगठन एनएससीएन-के खिलाफ सीमा पार से चलाए गए अभियान की वजह से म्यांमार सेना में नाराजगी थी, लेकिन मिलकर काम करने की वजह से पुरानी शिकायत एक तरह से खत्म हो गई।
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