नई दिल्ली। मानसून सत्र के दौरान आज राज्यसभा में सांसद रामविचार नेताम ने छत्तीसगढ़ की 5 प्रमुख नदियों के दूषित जल का मुद्दा उठाया। तो वहीं जलवायु परिवर्तन मंत्री बाबुल सुप्रियो ने जवाब दिया कि इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन से कोई प्रस्ताव नहीं आया।
दरअसल सांसद राम विचार नेताम ने आज राज्यसभा में प्रश्न किया कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार छत्तीसगढ़ के 5 प्रमुख नदिया महानदी, खारुन, हसदेव, केलो ओर शिवनाथ नदी को अत्यंत प्रदूषित घोषित किया गया है। सरकार द्वारा इन नदियों में प्रदूषण रोकने क्या उपयुक्त कदम उठाये जा रहे हैं? इनकी साफ सफाई के लिए क्या योजना बनाई गई है? इस हेतु राज्य सरकार ने अब तक कितनी धनराशि खर्च किया है ।
जलवायु परिवर्तन मंत्री का जवाब:
इसके जवाब में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने जानकारी दी कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड , राज्य प्रदूषण बोर्ड के सहयोग से नदियों के जलगुणवत्ता की नियमित आधार पर निगरानी कर रहा है । केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट अनुसार हसवेद नदी(कोरबा से उर्ग), खारुन नदी(बुंदरी से रायपुर), महानदी(आरंग से शिहवा), शिवनाथ नदी(सिमगा से बेमटा) ओर केलो नदी(रायगढ़ से कनकटरोरा) के हिस्सों को जैव रसायन आॅक्सीजन डिमांड, जो जैव प्रदूषण का एक मुख्य संकेतक है, के आधार पर छत्तीसगढ़ के प्रदूषित भागों के रूप में अभिज्ञात किया गया है ।
इसके साथ ही मंत्रालय नदियों की साफ- सफाई , एवं उनके प्रदूषण स्तर के के अनुसार के लिए स्वतंत्र संस्थाओं द्वारा मुल्यांकन करने योजनागत निधियों की उपलब्धता के आधीन एनआरसीपी के अंतर्गत वितीय सहायता देने पर विचार करता है।
छत्तीसगढ़ ने नहीं दिया प्रस्ताव:
अब तक छत्तीसगढ़ सरकार से एनआरसीपी स्कीम के अंतर्गत नदियों में प्रदूषण उपमशन कार्यों के लिए वित्तीय सहायता हेतु कोई प्रस्ताव प्राप्त नहीं मिला है ।
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