रायपुर। आज विश्व डॉक्टर्स डे है। तो वहीं प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल डॉ भीमराव अंबेडकर मेमोरियल हॉस्पिटल के 3 सौ जूनियर डॉक्टर्स को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल खाली करने का आदेश जारी किया गया है। ये जूडॉ पिछले कई दिनों से हड़ताल पर थे। इसके चलते अस्पताल की इमरजेंसी से लेकर आॅपरेशन और तमाम सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुर्इं। सोमवार को ये आदेश डीन डॉ. आभा सिंह ने जारी किया है। तो वहीं हड़ताली डॉक्टर्स को ये भी बता दिया गया है कि उनके शिक्षण सत्र का समय भी छ: माह बढ़ा दिया गया है।

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बंद हुए आॅपरेशन, नहीं हो रही जांच:
अस्पताल से लौटे मरीजों के परिजनों ने बताया कि अस्पताल में पिछले कई दिनों से न तो आॅपरेशन हो रहे हैं और न ही कोई जांच। मरीजों को बाहर से ही लौटाया जा रहा है। ऐसे में एम्स और डीकेएस जैसे अस्पतालों पर दबाव बढ़ गया है। तो वहीं राजधानी के तमाम प्राइवेट अस्पताल चांदी काट रहे हैं। जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल से अगर कोई परेशान हो रहा है तो वो है प्रदेश का आम नागरिक। हमारे समाज में डॉक्टर्स को दूसरा भगवान कहा जाता है। अब अगर मामूली से रकम के लिए दूसरे भगवान हड़ताली हो जाएं तो इसे आप क्या कहेंगे।
अस्पताल प्रबंधन का आखिरी दांव:
अस्पताल के जानकार सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि ऐसा करके जूडॉ को काबू में करने की कोशिश की जा रही है। इसके बाद भी अगर हड़ताल नहीं टूटी तो इसका खामियाजा इन जूनियर डॉक्टर्स को भुगतना ही पड़ेगा।
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