रिटेल में एफडीआई बढ़ना, छोटे व्यापरियों पर कुठाराघात

रायपुर। मोदी सरकार के बजट में मजदूरों के लिये कुछ भी नहीं है। किसानों के लिये कुछ भी नहीं है। मध्यम वर्ग के लिये कुछ भी नहीं है। निर्मला सीतारमण ( Nirmala Sitharaman ) का बजट 2019 अम्बानी और अडानी की तरक्की बढ़ाने का बजट ह। यह कहना है कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी का। उन्होंने कहा है कि देश की तरक्की का बजट नहीं है।

व्यापारियों के लिये पेंशन की हो व्यवस्था

रिटेल में एफडीआई ( FDI ) बढ़ाने की अनुमति देकर मोदी सरकार ने अपनी नीयत छोटे दुकानदारों के प्रति भी साफ कर दी है। रिटेल में एफडीआई बढ़ाकर खुदरा व्यापारियों को बेरोजगार करने की साजिश है। बुजुर्ग व्यपारियों पेशन योजना की घोषणा पर कांग्रेस का कहना है कि खुदरा रिटेल में एफडीआई बढ़ाने के बाद मोदी सरकार सभी छोटे व्यापारियों के लिये पेंशन की व्यवस्था करें, क्योंकि उनका धंधा तो बहुराष्ट्रीय कंपनियां चौपट कर देंगी। सभी व्यपारियों के लिए पेंशन योजना की घोषणा करें।

अंबानी अडानी की तरक्की का बजट

बजट में मीडिया ने विदेशी निवेश का कांग्रेस ने विरोध किया है। बड़े और महत्वपूर्ण समाचार पत्र, समाचार चैनल विदेशी हाथों में चले जायेंगे जिसका लगातार मीडिया जगत विरोध करता रहा है। निर्मला सीतारमण के बजट में किसान, मजदूरों गरीबो आम लोगो के लिये कुछ भी नहीं है। आम आदमी के लिये मोदी सरकार में शौचालय और कुछ लोगो के लिये प्रधानमंत्री आवास के अलावा और कुछ भी नहीं। अंबानी अडानी की तरक्की का बजट है। 7000 कंपनिया बंद हुई इनकी जगह अम्बानी अडानी की कंपनियां ले लेगी। 35 करोड़ एलईडी बांटे जाने का मोदी सरकार ( Modi Governments Budget ) ने इस बजट में श्रेय लेने की कोशिश की है।

निजीकरण से रोजगार कम होंगे

पं. नेहरू के द्वारा स्थापित सार्वजनिक क्षेत्र में उद्योगों और रेल्वे को निजी हाथों में देने से, निजी क्षेत्र में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगां और रेल्वे के जाने से रोजगार के अवसर कम होंगे। रोजगार देने में मोदी सरकार पूरी तरह से विफल साबित हुयी है। मोदी सरकार पैतृक संपत्ति को बेचकर खाने वाले बिगड़ैल बेटे की तरह व्यवहार करती है। रेल्वे का निजीकरण करना गलत है। गांव, गरीब, उद्योग पर जोर की बात भ्रामक और गलत है। निजीकरण से बेरोजगारी बढ़ेगी। जनधन मुद्रा योजना ( Jandhan Mudra Yojna ) की नई घोषणा दिखावा मात्र है। इन्हीं योजनाओं में पूर्व में पूर्व में कही गयी बातो को सही ढंग से पूरी नहीं किया गया। पेट्रोल डीजल में 1 रू. की वृद्धि से आम आदमी को नुकसान होगा। मध्यम वर्ग के लिये निराशाजनक बजट है।

अर्थव्यवस्था बाहरी ताकतों को सौपने की तैयारी

देश के मौजूदा मिक्स इंकानामी ढ़ाचे को तोड़कर पूंजीवाद को मजबूत करने की साजिश के तहत रिटेल में एफडीआई, बीमा सेक्टर में विदेशी कंपनियों को बढ़ावा देने 51 प्रतिशत एफडीआई मीडिया के क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश।
बैंको का संविलियन कर कुल 8 बैंको में मर्ज करने निर्णय जिससे एक ओर बैंकिंग सेक्टर ( Banking Sector ) में नौकरी में कटौती तो वहीं साजिश के तहत विदेशी बैंको को बुलाकर देश की अर्थव्यवस्था बाहरी ताकतों को सौपने की तैयारी है। सरकारी कंपनियों को बेचने का निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है। बजट में एक ओर यहां छोटे और मध्यम वर्ग को कोई राहत नहीं दी गई।

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