रायपुर। छत्तीसगढ़ में बारिश शुरू हो गई है। इस बार भी नक्सलवादियों पर आॅपरेशन चलाया जा रहा है। इसमें ज्यादा नुकसान नक्सलियों को ही हो रहा है। इन सब के पीछे जो बल काम कर रहा है उसका नाम है के्रक कमांडोज (Crack commandos ..)….ये वो नाम है जिसे एक बार अगर हेडक्वार्टर से कोई कमांड मिला तो नक्सलियों का सर्वनाश निश्चित है। बड़े-बड़े नक्सलियों को इन कमांडोज ने पल भर में मटियामेट कर डाला है। इन्हीं के भय का आलम है कि अब तक बड़ी तादाद में नक्सली हथियार डाल चुके हैं। उनके टॉप कमांडर्स और लीडर्स ने भी हथियारों से तौबा कर ली है। दरअसल उनको पता है कि इनसे भिड़ंत का मतलब सीधी मौत।
कौन हैं क्रेक कमांडोज:
इस बल में एसटीएफ से लेकर तमाम बलों के चुने हुए निशानेबाजोें को शामिल किया गया है। इनको नक्सलियों से निपटने की विशेष ट्रेनिंग दी गई है। इसके अलावा इनके पास अत्याधुनिक हथियार दिए गए हैं। Crack commandos बाकायदा उन हथियारों के उपयोग करने में भी पूरी तरह सिध्दहस्त हैं। यही कारण है कि इन दिनों नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बटालियन ने तमाम बड़े नक्सली नेताओं को चुन-चुन कर मार गिराया है। तो वहीं कई और भी इनके निशाने पर हैं। उन नक्सली नेताओं को अपनी जिंदगी के दिन कम लगने लगे हैं।
बटालियन के कारनामों पर एक नजर:
धमतरी के जंगल में भी Crack commandos की टीम ने माओवादियों के खिलाफ आॅपरेशन चलाकर कई खूंखार माओवादी नेताओं को जिंदा या फिर मुर्दा पकड़ा हैं। डीजीपी डीएम अवस्थी ने बताया कि 18 जून को एक मुठभेड़ में 8 लाख रुपए की इनामी नक्सली सीमा मंडावी को इसी टीम ने न्यूट्रिलाइज किया था। इस मुठभेड़ में बाकी नक्सली भाग निगले थे। इसी टीम ने 27 जून को एक मुठभेड़ के दौरान कुख्यात नक्सली मुइवा को एके 47 के साथ गिरफ्तार किया था। गौरतलब है कि लाल आतंक को उसके अंजाम तक पहुंचाने के लिए क्रेक कमांडो की टीम को महारत हासिल है। डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा कि यह टीम लगातार माओवादियों के खिलाफ आॅपरेशन चलाएगी। बारिश हो या कोई दूसरा मौसम आॅपरेशन जारी रहेगा।

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