रायपुर। छत्तीसगढ़ ( Chhattisgarh ) के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम मातृ शोक के मौके पर पूर्व सीएम अजीत जोगी ( Former CM Ajit Jogi ) के बेटे अमित जोगी ( Amit Jogi ) के एक ट्वीट ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने सीएम बघेल के मातृ शोक को शराब की बिक्री से जोड़ दिया। जिसके बाद सोशल मीडिया में उन्हें अलग-अलग प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ( CM Bhupesh Baghel ) की मां बिंद्वेश्वरी बघेल का बीते रविवार की शाम को इलाज के दौरान निधन हो गया। जिसके बाद सभी राजनीतिक दलों के साथ ही प्रदेश के हर वर्ग से सीएम बघेल बघेल की मां को श्रद्धांजलि अर्पित की जा रही है। वहीं रविवार की देर शाम अमित जोगी ने एक ट्वीट किया।
ट्वीट में लिखा
ट्वीट में अमित जोगी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की माता की मौत के मौके को शराब से जोड़ने की कोशिश की है. अमित जोगी ने लिखा, ‘मुख्यमंत्री अपनी मां को मुखाग्नि देते हुए तय कर लें कि या तो वह बाराद्वार की शराब दुकान बंद कर लें या मुझे.’ अमित जोगी ने अपने एक और ट्वीट में जानकारी दी है कि वह सोमवार को आंदोलन (शराब बंदी) को समर्थन देने बाराद्वार जा रहे हैं।
शरीर में मात्रा बढ़ने से होता है और ये नुक़सान शरीर तक सीमित नहीं रहता बल्कि सम्पूर्ण समाज को बरबाद कर देता है?आज इसी विकराल समस्या से पूरा प्रदेश त्रस्त हो चुका है।छत्तीसगढ़ की एक पूरी पीढ़ी शराब के कारण नष्ट हो चुकी है।कल श्री @bhupeshbaghel जी अपनी स्वर्गवासी माँ को मुखाग्नि
— Amit Jogi (@amitjogi) July 7, 2019
‘धिक्कार है’
अमित जोगी ने शराबबंदी की मांग को लेकर अपने इस इस ट्वीट का जो समय चुना है, उसकी जमकर आलोचना हो रही है, लोग इसे शर्मनाक भी बता रहे हैं। सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर व्योमेश शुक्ला लिखते हैं- संवेदना से वंचित राजनीति का विचित्र नमूना। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के राजनेता पुत्र अमित जोगी का यह सिरफिरा ट्वीट देखें। अभी-अभी वहां से वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मां के निधन की ख़बर आ रही है। इस ट्वीट में इस बात का भी ज़िक्र है, लेकिन कितना हिंसक। क्या मृत्यु के शोक में चुप-भर रह जाने की शिष्टता भी अब ज़रूरी नहीं रही? तुम धन्य हो..तुम्हें धिक्कार है..
भिलाई नगर के विधायक देवेन्द्र यादव ने लिखा
कुछ लोग निहायत बेशर्म होते हैं, उनके संस्कार के बीज ही इस तरह पड़े हैं। राजनीति 365 दिन हो सकती है, लेकिन अटल नकलची लोग बेशर्मी की पराकाष्ठा लांघ रहे हैं। सनद रहे सुधर जाईये, कांग्रेस कार्यकर्ता गांधीवादी हैं। इसका आशय यह नहीं कि आप शिशुपाल हो जाएं।
कुछ लोग निहायत बेशर्म होते हैं
उनके संस्कार के बीज ही इस तरह पड़े हैं
राजनीति 365 दिन हो सकती है
सस्ती छपास के चक्कर मे अटल नकलची लोग बेशर्मी की पराकाष्ठा लांघ रहे हैं
सनद रहे सुधर जाईये, कांग्रेस कार्यकर्ता गांधीवादी है। इसका आशय यह नहीं कि आप शिशुपाल हो जाएं @lalluram_news https://t.co/mH81gXeiYh— Devendra Yadav (@Devendra_1925) July 7, 2019