-उचित शर्मा
ईरान की ओर से ये ऐलान किया गया कि वह नाभिकीय समझौते में तय की गई यूरेनियम उत्पादन की सीमा को नहीं मानता। ऐसा यूटर्न लेकर ईरान के राष्टÑपति हसन रोहानी ने दुनिया के कई देशों की पेशानी पर बल ला दिया।
हालांकि राष्ट्रपति रोहानी पहले से यह चेतावनी दे रहे थे कि वह अपनी प्रतिबद्धता से हटने वाले हैं। वर्ष 2015 में संपन्न बहुपक्षीय समझौते के तहत ईरान ने अपने यूरेनियम का भंडार 98 प्रतिशत घटाकर 300 किलोग्राम तक करने का वायदा किया था। तय सीमा को तोड़ने का मतलब है कि ईरान अब अपने यूरेनियम भंडार में कमी नहीं करेगा। खाड़ी के ही अनेक देश ईरान पर हथियार बनाने योग्य यूरेनियम संवर्धन करने का आरोप लगाते रहे हैं। एक समय ईरान का लक्ष्य नाभिकीय हथियार बनाना था भी। इस समय की स्थिति किसी को नहीं पता। हो सकता है ईरान दुनिया पर दबाव बनाने के लिए भी यह घोषणा कर रहा हो। अमेरिका ने इस समझौते से अपने को अलग कर ईरान को घेरने के लिए प्रतिबंध लगा दिए हैं। हालांकि अमेरिका के प्रतिबंधों के बावजूद भारत सहित कई देशों ने ईरान का पूर्ण बहिहष्कार नहीं किया है। किंतु यूरेनियम भंडार कम नहीं करने का समर्थन कोई नहीं कर सकता। ईरान के उप विदेशमंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि ईरान अब भी चाहता है कि नाभिकीय समझौता बना रहे, लेकिन यूरोप के देश अपनी प्रतिबद्धता से पीछे हट रहे हैं। ईरान ने मई में यूरेनियम उत्पादन शुरू करने की ओर कदम बढ़ाया था, जिसका उपयोग रिएक्टरों के लिए ईधन और परमाणु हथियारों को बनाने के लिए किया जा सकता है। यह रवैया समझौतों का नहीं हो सकता। अब्बास अरागची तो यह भी कह रहे हैं कि उनके देश ने पहले से ही अधिक मात्रा में यूरेनियम का भंडार कर लिया है। इसका मतलब क्या है? हालांकि ईरान किसी भी तरह के नाभिकीय हथियार के निर्माण की योजना से लगातार इनकार करता है। किंतु अगर आपके पास हथियार बनाने योग्य पर्याप्त संवर्धित यूरेनियम हैं, तो आप कभी भी ऐसा कर सकते हैं। ईरान को अभी व्यवहार संतुलन का परिचय देना चाहिए। कई देश फिर से बातचीत आरंभ करने के प्रयास में लगे हैं। फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रां ने ईरान के राष्ट्रपति रोहानी से फोन पर बात कर बताया कि वह प्रयास कर रहे हैं। कम-से-कम ईरान को उनका सम्मान तो करना चाहिए था। मैक्रां ने कहा था कि वह ईरान और पश्चिमी सहयोगियों के बीच 15 जुलाई तक वार्ता फिर से आरंभ कराने की कोशिश में जुटे हैं ताकि क्षेत्र में तनाव कम किया जा सके। जब दुनिया के कई देश लगातार उस क्षेत्र में तनाव कम करने में लगे हों तो ऐसे समय में ईरान के ऐसे बर्ताव से प्रयासों को धक्का लग सकता है।

 

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें और Twitter पर Follow करें
एक ही क्लिक में पढ़ें  The Rural Press की सारी खबरें