बिलासपुर। हाईकोर्ट ने पाकिस्तानी आतंकियों के लिए टेरर फंडिंग ( pakistan terror funding) करने वाले 4 आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी। पाक टेरर फंडिंग(pakistan terror funding) मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की डिवीजन बेंच में हुई। इन चारों आरोपियों ने क्रिमिनल अपील के साथ हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी। इसकी गंभीरता को देखते हुए माननीय अदालत ने इनकी याचिका को खारिज कर दिया।
आरोपी कैसे चढ़े पुलिस के हत्थे:
दरअसल सिविल लाइन पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि बिलासपुर के एक निजी हॉस्पिटल में काम करने वाले जांजगीर निवासी धर्मेंद्र यादव और संजय देवांगन के कई बैंक खाते हैं। इसमें लाखों रुपए का ट्रांजेक्शन होता है, लेकिन राशि दिल्ली और कश्मीर के एटीएम से निकाली जाती है। पुलिस ने दोनों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि उन्हें इसके लिए कमीशन मिलता है।
इस दौरान पता चला कि छत्तीसगढ़ से पाकिस्तान के आतंकवादी के लिए टेरर फंडिंग(pakistan terror funding) चल रही है। बाद में जांजगीर-चांपा से अवधेश दुबे, मनिन्द्र यादव, संजय देवांगन को पकड़ा गया। पुलिस को पूछताछ के दौरान पता चला कि संजय देवांगन पाकिस्तान को भारतीय सेना की गोपनीय जानकारी देने वाले सतविंदर सिंह के संपर्क में है। सतविंदर सिंह को जम्मू कश्मीर पुलिस ने गिरफ्तार किया था। यहीं छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से पाकिस्तान के आतंकवादियों को टेरर फंडिंग( pakistan terror funding) का खुलासा हुआ था।

किसने लगाई थी जमानत याचिका:
सेंट्रल जेल में बंद मनींद्र यादव, संजय देवांगन, अवधेश दुबे व सतविंदर सिंह ने हाईकोर्ट में जमानत अर्जी प्रस्तुत की थी। जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्टिस गौतम चौरड़िया की बेंच ने मामले की गंभीरता के आधार पर इसे खारिज कर दिया।

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