रायपुर। दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी की नक्सल हत्या प्रकरण पर सोमवार को विधानसभा में विपक्षी भाजपा सदस्यों ने कामरोको प्रस्ताव लाकर तुरंत चर्चा कराने की मांग की। विपक्षी सदस्यों ने आरोप लगाया कि भीमा मंडावी की हत्या लोकसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए राजनीतिक हत्या है जिसमें नक्सलवादियों से सहयोग लिया गया। गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने विपक्ष के आरोपों से इंकार किया और कहा कि मंडावी ने खुद होकर सुरक्षा में तैनात अतिरिक्त बल वापस किया था।

उन्होंने बताया कि थाना प्रभारी द्वारा दंतेवाड़ा विधायक को कुंआकोंडा मार्ग में पर्याप्त सुरक्षा न होने की जानकारी देकर उस मार्ग की तरह न जाने का आग्रह किया था। बावजूद इसके विधायक मंडावी उसी रास्ते पर चले गए। फिर माओवादियों ने विस्फोट कर घटना को अंजाम दिया। मंडावी की हत्या के प्रकरण में एक माओवादी की गिरफ्तारी हुई है। 

विधायकों की सुरक्षा को लेकर सवाल

प्रश्नकाल के बाद भाजपा सदस्य बृजमोहन अग्रवाल और अन्य विपक्षी सदस्यों ने भीमा मंडावी की हत्या प्रकरण पर काम रोको प्रस्ताव  देकर तुरंत चर्चा कराने की मांग की। स्थगन प्रस्ताव की सूचना में श्री अग्रवाल और अन्य सदस्यों ने आरोप लगाया कि वर्तमान में सरकार के गठन के बाद नक्सलवाद की घटनाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भीमा मंडावी लोकसभा चुनाव के प्रचार के अंतिम दिन 9 अप्रैल को प्रचार खत्म होने के बाद श्यामगिरी मेले में सम्मिलित होने गए। उन्होंने नक्सलवादी क्षेत्रों में विधायकों को दी जाने वाली सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए।

उन्होंने बचेली से श्यामगिरी जाने की सूचना कुंआकोंडा थाने में दी थी, जो घटना के 4 किमी दूर है। बावजूद उन्हें सुरक्षा प्रदान नहीं की गई। न ही पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के बाद भी रोड ओपनिंग पार्टी भेजी गई। गृहमंत्री श्री साहू ने कहा कि घटना के दिन दंतेवाड़ा विधायक भीमा मंडावी ने दंतेवाड़ा से ग्राम मटेनार, नेटापुर, चंदेनार आदि जगहों में चुनाव प्रचार के लिए बूलेट प्रूफ वाहन और अन्य जगहों में सुरक्षा बलों के साथ रवाना हुए थे। कार्यक्रम स्थल में कटेकल्याण थाना की बल भी सुरक्षा व्यवस्था के लिए तैनात था। प्रचार खत्म होने के बाद भीमा मंडावी उपरोक्त बल के साथ दोपहर 12 बजे पार्टी दफ्तर दंतेवाड़ा वापस आ गए।

गृहमंत्री ने बताया कि दोपहर भोजन के बाद श्री मंडावी द्वारा प्रचार खत्म हो गया है, यह कहकर उनकी सुरक्षा में तैनात डीआरजी और अतिरिक्त बल को वापस कर दिया गया। इसके बाद अचानक श्री मंडावी अपने सुरक्षाकर्मियों के साथ किंरदुल के लिए रवाना हो गए। मंडावी के सुरक्षा अधिकारी द्वारा इसकी सूचना तत्काल कंट्रोल रूम को देने पर पूर्व से भांसी-बचेली और किंरदुल मार्ग पर रोड ओपनिंग के लिए तैनात डीआरजी और अन्य पेट्रोलिंग वाहनों को सतर्क किया गया। 

एक माओवादी की गिरफ्तारी हुई

गृहमंत्री ने बताया कि किंरदुल में पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने के बाद वापस बचेली के लिए रवाना हो गए। वे श्यामगिरी से कुंआकोंडा जाने  के लिए निकले इस पर उनके सुरक्षाधिकारी ने कंट्रोल रूम को सूचित किया। बचेली के थाना प्रभारी को जानकारी मिलने पर उन्होंने अपने मोबाइल से मंडावी को बताया कि उस मार्ग पर रोड ओपनिंग पार्टी नहीं है और विधायक अपने गाड़ी-सुरक्षा वाहनों के साथ उस रास्ते की तरफ चले गए जहां कुंआकोंडा से 4 किमी पहले माओवादियों द्वारा घटना को अंजाम दिया गया। इस पूरे प्रकरण में मंडावी उनके ड्राइवर और तीन पीएसओ शहीद हो गए। उन्होंने यह भी कहा कि इस प्रकरण में एक माओवादी की गिरफ्तारी हुई है और विभिन्न प्रकरणों में शामिल पांच अन्य माओवादी मारे गए। प्रकरण की जांच के लिए हाईकोर्ट के रिटायर न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच आयोग गठन किया गया है, जिसकी कार्रवाई जारी है।

उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी

गृहमंत्री ने यह भी बताया कि सूचना होने के बावजूद भीमा मंडावी को सुरक्षा नहीं देने की बात कहना गलत है। उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा दी गई थी। उनके परिवार के सदस्यों को भी लगातार सुविधा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि नई सरकार आने के बाद प्रदेश में नक्सल विरोधी अभियान चलाया जा रहा है। 63 मुठभेड़ हुए जिसमें 273 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया और 174 माओवादियों द्वारा आत्मसमर्पण किया गया। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद पर सरकार की नीति और नियत साफ है।

 

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