रायपुर। रायपुर जिले के आरंग और अभनपुर में रेत उत्खनन की रायल्टी राशि में अनियमितता के मामले में 7 अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित किया गया है। साथ ही साथ आरंग और अभनपुर के 18 सरपंचों को भी प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। यह जानकारी पंचायत मंत्री टीएस सिंहदेव ने एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।

कांग्रेस सदस्य धनेन्द्र साहू ने विधानसभा के दौरान जानना चाहा कि क्या आरंग और अभनपुर जनपद के ग्राम पंचायतों में रेत उत्खनन की प्राप्त रायल्टी राशि में अनियमितता की जांच कराई गई है? इसके जवाब में पंचायत मंत्री ने बताया कि रेत उत्खनन की रायल्टी राशि में अनियमितता की जांच के लिए संचालक पंचायत द्वारा विशेष ऑडिट कराया गया था। ऑडिट रिपोर्ट में रेत रायल्टी के उपयोग के संबंध में शासन द्वारा दिशा-निर्देश और लेखा नियम का पालन नहीं करने की अनियमितता पाई गई थी।

इस कारण जनपद पंचायत आरंग के द्वारा संचालित रेत खदानों के लिए दो सीईओ, एक एसडीओ, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा विभाग आरंग, सहायक गे्रड के 3 और दस ग्राम पंचायत सचिवों को निलंबित किया गया था। इसकी विभागीय जांच प्रचलित है।

उन्होंने यह भी बताया कि जनपद पंचायत आरंग के अंतर्गत ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित रेत खदान के मामलों में 8 सरपंचों और पांच ग्राम पंचायत सचिवों के खिलाफ राशि वसूली के लिए एसडीओ (राजस्व) आरंग को भेजा गया है। अभनपुर जनपद स्तर पर संचालित रेत खदान में दो मुख्य कार्यपालन अधिकारी और ग्राम पंचायतों द्वारा संचालित रेत खदानों में दस सरपंच और 6 ग्राम पंचायत सचिवों को प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया है। प्रकरण में राशि की वसूली के लिए एसडीएम (राजस्व) अभनपुर को भेजा गया है। आरंग और अभनपुर के एसडीएम द्वारा वसूली नहीं की गई है।

 

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