रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराबबंदी को मुद्दा बनाते हुए सत्ता में आई कांग्रेस सरकार ने शराब से 2245 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया है। सोमवार को विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस सदस्य शैलेष पांडेय ने पूछा कि प्रदेश में एक जनवरी से 15 जून 2019 तक शराब से कितना राजस्व प्राप्त हुआ? इसके जवाब में आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि उक्त अवधि तक शराब से 1902 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ है।

वहीं विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री एवं मरवाही विधायक अजीत जोगी ने पूछा कि 17 दिसंबर 2018 से लेकर 31 मई 2019 तक शराब की कितनी बिक्री हुई और उससे कितना राजस्व प्राप्त हुआ। जवाब में मंत्री कवासी लखमा ने कहा है, सरकार ने शराब की बिक्री से 2245 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त किया है।

एक अन्य सवाल के जवाब में आबकारी मंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ स्टेट ब्रेवरेज कार्पोरेशन लिमिटेड में पंजीकृत कंपनियों से प्रति वर्ष उनके ब्रांड एवं लेबल का रेट ऑफर के माध्यम से लैंडिंग प्राइस आमंत्रित किया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार द्वारा दिसंबर 2018 में शराब के नवीन ब्रांडों के पंजीयन कराने के लिए आदेश निकाला गया था। वर्तमान में प्रदेश में कुल 526 ब्रांड पंजीकृत हैं।

भाजपा सदस्य अजय चंद्राकर के अन्य सवाल के लिखित जवाब में आबकारी मंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 देशी मदिरा की 373 और विदेश मदिरा की 317 दुकानें संचालित थी। वित्तीय वर्ष 2018-19 में देशी मदिरा की 373 और विदेशी मदिरा की 323 दुकानें संचालित हैं।

पत्रकारों को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए अजीत जोगी ने कहा कि सरकार ने चुनाव पूर्व शराबबंदी करने का वायदा किया था लेकिन अब सरकार शराब माफियाओं की गोद में बैठ गयी है। जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण मंत्री द्वारा विधानसभा में पेश किये आंकड़े हैं।

 

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