भोपाल। मध्य प्रदेश की राजनीति में श्वानों(Dogs) के तबादले को लेकर सियासी घमासान(political fight) तेज हो गया है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और उनके मंत्री कांग्रेस पर हमलावर हैं। सोमवार को इसी बात से झल्लाए कांग्रेस सरकार के एक मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भाजपा को कुत्तों की मानसिकता(Dogs mentality) वाली पार्टी बताकर इस आग में और पेट्रोल फेंक दिया। आज 2018 में हुए कुत्तों(Dogs) के तबादले की लिस्ट (transfer list)लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया सलाहकार नरेंद्र सलूजा सामने आए। उन्होंने कहा कि कुत्तों(Dogs) का तबादला कोई नई बात नहीं है। वे इस लिस्ट को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को भेजने जा रहे हैं। सज्जन सिंह वर्मा के इस बयान से दुखी भाजपा नेता एवं पूर्व मंत्री रामेश्वर शर्मा ने कहा कि हां, हम डॉगी हैं।
कुत्तों का तबादला आम प्रक्रिया: सलूजा
सरकार के बचाव में उतरे सलूजा ने कहा कि कुत्तों का तबादला एक आम प्रक्रिया है। मार्च 2018 में जब शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे और भाजपा की सरकार थी। तब भी कुत्तों का तबादला हुआ था।
मुख्यमंत्री कमलनाथ के गृह जनपद छिंदवाड़ा से एक स्निफर डॉग को स्थानांतरित करने को लेकर सियासत गरमा गई। विपक्षी भाजपा ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। इससे सत्ताधारी बैकफुट पर आ गई थी।
वहीं नरेंद्र सलूजा का कहना है कि वे शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल में हुए श्वानों के तबादले की लिस्ट उन्हें देने जाएंगे। ऐसे में देखना अब ये होगा कि श्वानों के तबादले की ये सियासत क्या गुल खिलाती है।
डॉग्स के साथ हैंडलर्स का तबादला क्यों:
दरअसल जिस डॉगी को जो भी हैंडल करता है। उसकी आदतें, उसकी तमाम बातें वही जानता है। ऐसे में डॉगीज किसी दूसरे हैंडलर का आदेश नहीं मानते। इसके कारण ड्यूटी आवर्स में परेशानी खड़ी हो सकती है। लिहाजा जब भी इनका तबादला होता है विद हैंडलर होता है।
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