रायपुर। मंगलवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा ( Chhattisgarh Assembly )मानसून सत्र ( Monsoon Session ) के तीसरे दिन नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ( Dharamlal Kaushik ) ने उद्योगों में दुर्घटनाओं में श्रमिकों की मृत्यु पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि दिसम्बर 2018 से 20 जून 2019 के मध्य विभिन्न उद्योगों में हुई दुर्घटनाओं में कुल कितने श्रमिकों की मौत हुई है। इस पर जवाब देते हुए श्रम मंत्री शिव डहरिया ( Shiv Kumar Dahariya ) ने बताया कि कुल 45 श्रमिकों की मौत हुई है। इनमें से 39 मजदुर ESIC में बीमित थे।

वही 01 अधिकारी स्तर का पर्सनल बीमा, 01 श्रमायुक्त से मुआवजा और 04 लोगों के आश्रितों पर मुआवजा प्रक्रियाधीन है। उद्योगों में विस्फोटकों की बात को लेकर मंत्री डहरिया ने कहा कि उद्योगों में विस्फोटक नहीं होते है।विस्फोटक खदानों में उपयोग किये जाते हैं।

मंत्री के जवाब के बाद कौशिक ने आरोप लगाया कि जांच मृत्यु के बाद की जा रही है। मगर उससे पहले उद्योगों में सुरक्षा की दृष्टि से, विस्फोटक पदार्थ को रखने की व्यवस्था को लेकर कार्यवाही नहीं की जा रही है। कौशिक ने श्रम मंत्री से सवाल किया कि विभाग के लोग उद्योगों का कब-कब मुआयना करते हैं। मंत्री ने कहा कारखानों में विस्फोटक नहीं होता है। मंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर भाजपा सदस्यों ने हंगामा शुरु कर दिया।

शिव डहरिया और अजय चंद्राकर के बीच तीखा वाद-विवाद

मंत्री के इस जवाब पर अजय चंद्राकर ( Former Minister Ajay Chandrakar ) ने आपत्ति जताई। उन्होंने शब्दों पर ध्यान देने की बात कही। चंद्राकर की बात पर मंत्री शिव डहरिया भड़क गए, डहरिया ने चंद्राकर से कहा आपसे ज्यादा शालीन शब्दों में बात करता हूं। शिव डहरिया ने अजय चंद्राकर से कहा- आप बीच में टपक जाते हैं मंत्री का जवाब तो सुन लीजिए। जिसके बाद मंत्री शिव डहरिया और अजय चंद्राकर के बीच तीखा वाद-विवाद शुरु हो जाता है और हंगामे के चलते सदन की कार्यवाही बाधित हो गई।

उधर इस बीच स्पीकर ने दखल दे कर कहा, “शब्द संभारे बोलिए शब्द के हाथ ना पांव, एक शब्द करे औषधि एक शब्द करे घाव” अध्यक्ष ने इस दोहे के साथ सदस्यों से सही शब्द के इस्तेमाल करने का अनुरोध किया।

 

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