रायपुर। हाईकोर्ट ( Chhattisgarh High Court ) में बहुचर्चित नान घोटाले ( NAN Scam ) को लेकर दायर याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने नान घोटाला मामले में नॉन स्टॉप सुनवाई करने का फैसला लिया है। 26 अगस्त से 2 सितंबर तक हाईकोर्ट में रोजाना इस मामले में सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि सुदीप श्रीवास्तव और वीरेन्द्र पाण्डेय की तरफ से अलग-अलग याचिकाओं पर हाईकोर्ट चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच में सुनवाई की गई।

कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश देते हुए कहा है कि जो भी दस्तावेज जमा करना चाहे 14 अगस्त तक कर दें। याचिकाकर्ताओं ने मांग की है, कि नान घोटाले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी से कराई जाए। इससे पहले भाजपा सरकार और फिर कांग्रेस सरकार की ओर से गठित SIT को लेकर लगातार सवाल उठते रहे हैं। सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम पैरवी करने के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में करोड़ों का हुआ था घोटाला। इस मामले को लेकर हमर संगवारी NGO, अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव, वीरेंद्र पाण्डे और अन्य ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट चीफ जस्टिस के डिवीजन बैंच में ये मामला लगा था।
क्या है नान घोटाला?
आरोप है कि छत्तीसगढ़ ( Chhattisgarh ) में राइस मिलरों से लाखों क्विंटल घटिया चावल लिया गया। इसके बदले करोड़ों रुपये की रिश्वतखोरी की गई। नागरिक आपूर्ति निगम के ट्रांसपोर्टेशन में भी भारी घोटाला किया गया। इस मामले में 27 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज़ किया गया था। जिनमें से 16 लोगों के खिलाफ 15 जून 2015 को अभियोग पत्र पेश किया गया था। जबकि इस मामले में दो वरिष्ठ आईएएस अधिकारी डॉ. आलोक शुक्ला और अनिल टूटेजा के खिलाफ कार्रवाई की अनुमति हेतु केन्द्र सरकार को चिट्ठी लिखी गई थी।