रायपुर। शुक्रवार को विधानसभा के मानसून सत्र ( Monsoon session of the assembly ) के आखिरी दिन फर्जी जाति प्रमाण पत्र ( Bogus caste certificate ) के आधार पर नौकरी कर रहे कर्मचारी-अधिकारी का मुद्दा भी सदन में उठा। बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ( BJP MLA Shivratan Sharma ) ने पूछा। छानबीन समिति ने 25 जून 2019 तक मंत्रालयीन सेवा के कितने अधिकारी-कर्मचारियों के जाति प्रमाण पत्र की जांच की, जिनमें कितने प्रकरण में प्रमाण पत्र फर्जी करार दिए गए और उन अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई।

इस मामले में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ( Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel ) ने जानकारी दी कि 6 प्रकरण में फर्जी जाति प्रमाण पत्र सामने आए हैं। इसके बाद शिवरतन शर्मा ने पूरक सवाल पूछते हुए कहा कि जिन अफसरों को क्लीन चिट दी गयी है, उसमें किसी अधिकारी का हस्ताक्षर है या फिर सभी मेंबर का हस्ताक्षर है। शिवरतन शर्मा के मुताबिक समिति के सभी मेंबर के हस्ताक्षर से आदेश नहीं निकलने की वजह से ही कोर्ट में सभी को स्टे मिल जाता है। शिवरतन ने छानबीन समिति के सदस्यों की भी जानकारी मांगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि समिति में आदिम जाति कल्याण विभाग के सचिव, आदिम जाति विभाग के संचालक, संचालक भू-अभिलेख, विशेषज्ञ के सदस्य शामिल हैं। शिवरतन शर्मा ( Shivratan Sharma ) ने इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग की, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ प्रकरण कोर्ट में है, उसकी जांच कैसे होगी, लेकिन कुछ प्रकरण विशेष शिकायत हो तो वो उसे दे दें, जिसकी जांच करा ली जायेगी।

 

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