रायपुर। छत्तीसगढ़ ( Chhattisgarh ) में लेफ्ट माकपा, भाकपा (माले-लिबरेशन), एसयूसीआई (सी) और भाकपा (माले-रेड स्टार) ने उप्र के सोनभद्र जिले में उम्भा गांव में आदिवासियों की हत्या की कड़ी निंदा की है। लेफ्ट ने सोनभद्र नरसंहार ( Sonbhadra Incident ) मामले में सभी दोषियों को गिरफ्तार करने की मांग करते हुए पीड़ितों को 20-20 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है। इसी के साथ निःशुल्क चिकित्सा सुविधा, पीड़ित परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी और काबिज भूमि का पट्टा देने की भी मांग की है।
माकपा राज्य सचिव संजय पराते, भाकपा (माले-लिबरेशन) के राज्य सचिव बृजेन्द्र तिवारी, एसयूसीआई (सी) के विश्वजीत हरोड़े, भाकपा (माले-रेड स्टार) के राज्य सचिव सौरा यादव की ओर से जारी किए गए साझा बयान में कहा गया है कि उत्तरप्रदेश ( Uttar Pradesh ) में दलित-आदिवासियों व अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न की घटनाओं से स्पष्ट है कि ये सब अपराध सरकार व प्रशासन के संरक्षण में हो रहा है।
आदिवासियों की जमीन हड़पने की भूमाफियाओं के अभियान की पृष्ठभूमि में बंगाल में पदस्थ एक आईएएस अफसर प्रभात मिश्र का भी नाम सामने आया है। जो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खास है इससे राजनेताओं, अफसरों और भूमाफियाओं से संबंध भी उजागर होते हैं।
वाम पार्टियों ने जिले के कलेक्टर और एसपी को भी सोनभद्र ( Sonbhadra firing ) इस पूरे हालात के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उनके खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही करने की मांग की है। लेफ्ट के नेताओं ने आरोप लगाया है कि आदिवासी हत्याकांड में शामिल अधिकारियों और भूमाफियाओं को भाजपा सरकार बचाने की कोशिश कर रही है।