रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पहली बार कृषि, उद्यानिकी एवं वनोपज, सहित हैण्डलूम-कोसा जैसे विविध उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के साथ ही क्रय-विक्रय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेताओं (International buyer-sellers) के सम्मलेन को बेहतर रिस्पॉन्स मिला। निश्चित तौर पर छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) की इस अनूठी पहल से राज्य के किसानों और हैण्डलूम-कोसा जैसे अन्य उत्पादकों को बेहतर आय के स्त्रोत मिलेंगे। राजधानी के एक निजी होटल में आयोजित इस सम्मलेन के माध्यम से उत्पादकों और उपभोक्ताओं के बीच सीधे सम्बन्ध भी बनते देखे गए। वहीँ अंतर्राष्ट्रीय बाजार मिलने से किसानों को भी फायदा होगा और उपभोक्ताओं को सही दाम पर सामग्री मिलेगी। छत्तीसगढ़ के कोसा वस्त्रों, फल और सब्जियों के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा।

सम्मेलन में शामिल 16 देशों के प्रतिनिधियों और क्रेताओं ने दिखाई रुचि

सम्मलेन में 16 देशों के 57 अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधि एवं क्रेतागण (International Representative and Buyer) तथा देश के विभिन्न राज्यों से 60 प्रतिनिधि एवं क्रेतागण शामिल हुए।

International buyer-seller conference: कुछ खास झलकियों पर एक नजर, छत्तीसगढ़ के विभिन्न उत्पादकों के चेहरे पर बिखरी मुस्कान
International buyer-seller conference: कुछ खास झलकियों पर एक नजर, छत्तीसगढ़ के विभिन्न उत्पादकों के चेहरे पर बिखरी मुस्कान

इन प्रतिनिधियों ने छत्तीसगढ़ के कोसा वस्त्रों, फल और सब्जियों के उत्पादन के प्रति बेहतर रूचि दिखाई। देश और विदेश से आये प्रतिनिधियों ने उत्पादन की तकनीकों को बारीकी से समझकर खूब सराहना भी की।

राज्य के उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय-राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने हुए इतने एमओयू

तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मलेन के शुभारम्भ कार्यक्रम यानि 20 सितम्बर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) और कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे (Agriculture Minister Ravindra Chaubey) ने छत्तीसगढ़ कृषि और हैण्डलूम उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने के लिए आठ कंपनियों के साथ एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किया।

International buyer-seller conference: कुछ खास झलकियों पर एक नजर, छत्तीसगढ़ के विभिन्न उत्पादकों के चेहरे पर बिखरी मुस्कान
International buyer-seller conference: कुछ खास झलकियों पर एक नजर, छत्तीसगढ़ के विभिन्न उत्पादकों के चेहरे पर बिखरी मुस्कान

वहीँ कार्यक्रम के दूसरे दिन यानि 21 सितम्बर को छत्तीसगढ़ मे बहुतायत में उत्पादित होने वाले विभिन्न किस्म के चावल, लघु वनोपजों और ग्रामोद्योग उत्पादों के अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय स्तर पर बाजार उपलब्ध कराने के लिए 33 एम.ओ.यू. किए गए।

प्रदर्शनी में दिखी लोगों की उत्सुकता

इस अवसर पर लगाई गयी प्रदर्शनी में राज्य के 60 प्रकार के कृषि उत्पाद, लघु वनोपज और हैण्डलूम उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शनी में लगाए गए स्टालों का अवलोकन कर रहे लोगों में काफी उत्साह देखने को मिलता रहा।

International buyer-seller conference: कुछ खास झलकियों पर एक नजर, छत्तीसगढ़ के विभिन्न उत्पादकों के चेहरे पर बिखरी मुस्कान
International buyer-seller conference: कुछ खास झलकियों पर एक नजर, छत्तीसगढ़ के विभिन्न उत्पादकों के चेहरे पर बिखरी मुस्कान

प्रदर्शनी में कृषि उत्पादों में ब्लैक राईस, रेड राईस, सुगंधित चावल, आर्गेनिक राईस, कोदो, कुटकी, रागी, दालों के अलावा ताजे फल और सब्जियों में ड्रैगन फ्रूट, एप्पल बेर, पेपर लेमन, जैक फ्रूट्स के स्टाल लगाए थे। इसके साथ ही लघु वनोपजों में इमली और पौष्टिक औषधि के सात ही हथकरघा से बनी सजावटी वस्तुएं, सिल्क से बनी ड्रेस मटेरियल, कॉटन और सिल्क कॉटन मिक्स्ड ड्रेस मटेरियल के साथ ही प्राकृतिक रंगो से बने सिल्क के कपड़ों के स्टाल लगाए गए थे।

भूटान के लोगों को भाया छत्तीसगढ़ का चांवल

भूटान के प्रतिनिधि कमल प्रधान के मुताबिक भूटान के लोग तीन टाइम रोजाना चावल खाना पसंद करते है। हालांकि वहाँ चावल का उत्पादन नाम मात्र को ही हो पाता है,क्योंकि वहाँ चावल उत्पादन के लिए पर्याप्त जगह नही है और मौसम भी अनुकूल नही है। सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के अलग अलग जिलों से आए किसानों द्वारा प्रदर्शित दुबराज,जवा फूल,जीरा फूल,विष्णुभोग, कोदो, कुटकी,आदि चावल की अलग अलग वेरायटी को देखकर कमल प्रधान ने इसे अपने भूटान देशवासियों के लिए महत्वपूर्ण और आज की जरूरत बताया। उन्होंने बताया कि भूटान में चावल खाना लगभग सभी पसन्द करते है ऐसे में वहा के लोगों को छत्तीसगढ़ का चावल बहुत पसंद आएगा।

ग्रीस के उद्यमियों ने ड्रैगन फ्रूट तो सऊदी के उद्यमियों ने सीताफल में दिखाई दिलचस्पी

विदेशी उद्यमियों के दल ने दुर्ग जिले के धमधा ब्लॉक के धौराभाठा में 450 एकड़ में फैले फलों के फार्म हाउस को देखा। इस दौरान ग्रीस के उद्यमियों ने ड्रैगन फ्रूट के संबंध में विस्तार से चर्चा कर तकनीकी दल को भेजने की बात कही। तो वहीँ पूर्वी देशों से आये दल के सदस्य सीतफल की बड़े पैमाने पर हो रही जैविक खेती से विशेष रूप से प्रभावित दिखे। पूर्वी देशों से आए दल ने सीताफल की जैविक खेती के प्रति दिलचस्पी दिखाई।

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