रायपुर। निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता (Suspended DG Mukesh Gupta) का एक और कारनामा सामने आया है। मुकेश गुप्ता (Mukesh Gupta) ने अपने करीबी को आउट ऑफ टर्न प्रमोशन देकर सब इंस्पेक्टर की पोस्ट दे दी। हाल ही में  EOW ने अवैध फोन टैपिंग मामले में एसआई राकेश जाट को बयान के लिए बुलाया था। मगर वो बयान देने नहीं पहुंचे। जिसके बाद रिकॉर्ड खंगालने पर इस राज से पर्दा उठा।

राकेश जाट (SI Rakesh Jat) 20 साल पहले 1999 में अर्दली के पद पर भर्ती हुआ था। अर्दली पद पर भर्ती व्यक्ति को सब इंस्पेक्टर बनाने का नियम नहीं है। नियम के उलट जाकर निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता ने 23 मई 2007 में राकेश जाट को नियम विरुद्ध पदनाम बदलकर सहायक आरक्षक बना दिया गया। 2010 में सहायक आरक्षक से आरक्षक जीडी बनाया गया। 19 अगस्त 2013 को प्रधान आरक्षक से पदोन्नत कर सहायक सब इंस्पेक्टर बना दिया गया। इसके 3 माह बाद 11 दिसंबर 2013 को सब इंस्पेक्टर बना दिया गया। इस पदोन्नति में वरिष्ठता सूची को दरकिनार कर दिया गया। राके जाट को निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता के बेहत करीबी माने जाते हैं।

ईओडब्लू और एंटी करप्शन ब्यूरो (Anti corruption bureau) में पदस्थापना के दौरान राकेश जाट ज्यादातर छापों के लिए इनपुट लेकर आता था। उस इनपुट के आधार पर ही छापा मार कार्रवाई की जाती थी। हाईटेक उपकरणों के माध्यम से एसआई का काम  माध्यम से फोन टैप करना था। यही कारण है कि अवैध फोन टैपिंग मामले में EOW ने उन्हें जांच के लिए बुलाया गया।

EOW के अफसर अब राकेश के खिलाफ और भी दस्तावेज खंगाल रहे हैं। इस मामले में एसआई का सर्विस रिकॉर्ड चेक किया जा रहा है।

 

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