रायपुर। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह (Former CM Dr Raman Singh) के ओएसडी रहे अरूण बिसेन (OSD Arun Bisen) की पत्नी जागेश्वरी बिसेन की एनआरडीए में सेवा देने वाली एक कंपनी में नियुक्ति की पड़ताल पूरी हो गई है। प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि जागेश्वरी बिसेन आईटी विशेषज्ञ (Jageshwari Bisen) के पद पर नियुक्ति के लिए पात्रता नहीं रखती हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद सरकार अब एनआरडीए के तत्कालीन सीईओ को जवाब-तलब कर सकती है।
मुख्यमंत्री के ओएसडी रहे अरूण बिसेन कई तरह की जांच से घिरे हैं। उनकी पत्नी जागेश्वरी बिसेन की एनआरडीए (NRDA) में सेवा देने वाली कंपनी में नियम विरूद्ध नियुक्ति की शिकायत भी हुई थी। इस मामले में कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) से मिलकर लिखित में शिकायत की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री श्री बघेल ने मुख्य सचिव सुनील कुजूर से पड़ताल के लिए आदेश दिया था।
बॉयोडाटा मिलने के बाद नहीं हुआ साक्षात्कार, सीधे हुई भर्ती
बताया गया कि आवास एवं पर्यावरण विभाग की विशेष सचिव ने इस सिलसिले में एनआरडीए के सीईओ से जांच कर रिपोर्ट मांगी थी। जांच चार बिंदुओं पर जांच कराई गई, जिसमें जागेश्वरी बिसेन की नियुक्ति में अनियमितता की पुष्टि हुई है। सलाहकार संस्था द्वारा जागेश्वरी बिसेन का अनुभव प्रमाण पत्र अग्रेषित किया गया और उनकी नियुक्ति आईटी विशेषज्ञ (IT specialist) के पद पर कर दी गई है। जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि बॉयोडाटा मिलने के बाद प्रस्तावित उम्मीदवार का साक्षात्कार भी नहीं लिया गया। इस सिलसिले में कोई नस्ती उपलब्ध नहीं है। यही नहीं, प्रोफेशनल इंस्टीटयूट ऑफ इंजीयरिंग और टेक्नालॉजी में कुल तीन वर्ष सात माह में प्रोफेसर कम्प्यूटर साइंस और कंसोल इंडिया कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड में कुल एक वर्ष तीन माह का अनुभव होना बताया गया है।
इस तरह जागेश्वरी बिसेन द्वारा 4 वर्ष 10 माह 18 दिन का अनुभव प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया है। जबकि प्राधिकरण द्वारा उपरोक्त पद के लिए पांच से सात वर्ष का अनुभव चाहा गया था। जागेश्वरी बिसेन को एक लाख रुपए महीने के वेतन पर रखा गया था। सरकार बदलने के बाद जागेश्वरी बिसेन ने अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया। जांच रिपोर्ट आने के बाद एनआरडीए के तत्कालीन सीईओ रजत कुमार को नोटिस देने की तैयारी चल रही है।