रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग (Chhattisgarh police) में नियम विरूद्ध पदोन्नति का मामला सामने आते ही पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। विभाग ने नियम विरूद्ध पदोन्नति के मामलों में जांच के आदेश दिए हैं। मामले की गहन पड़ताल के लिए डीजीपी डीएम अवस्थी (DGP DM Awasthi) ने इसके लिए समिति का गठन किया है। इस समिति के अध्यक्ष के रूप में एडीजी अशोक जुनेजा को जिम्मेदारी दी गई है। खासतौर पर 26 पुलिसकर्मियों के पदोन्नति की जांच की जाएगी।

आपको बता दें कि हाल ही में निलंबित डीजी मुकेश गुप्ता (suspended DG Mukesh Gupta) के करीबी पुलिस कर्मचारियों को नियमों को ताक पर रखकर पदोन्नति खबरें आई थीं। इन खबरों को आधार बनाते हुए डीजीपी डीएम अवस्थी ने जांच समिति बनाई है। एडीजी अशोक जुनेजा की अध्यक्षता में गठित समिति में पी सुंदरराज, ओपी पाल, एससी द्विवेदी और अजय यादव सदस्य हैं।

 

समिति को पुलिस विभाग में जनवरी 2010 से दिसंबर 2015 के मध्य हुई पदोन्नति (promotion) की जांच की जिम्मेदारी दी गई है। इन मामलों में इंस्पेक्टर राकेश जाट और रेखा नायर को पदोन्नति देने का मामला खास है। आपको बता दें कि राकेश जाट पहले अर्दली थे, जो कि एक के बाद एक प्रमोशन पाकर चार साल के भीतर एसआई हो गए। इसी तरह रेखा नायर भी तृतीय श्रेणी कर्मचारी से सुबेदार तक पहुंच गई थी।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक करीब 26 पुलिसकर्मी हैं जिनकी पदोन्नति को लेकर शिकायत सामने आई है। ये सभी मुकेश गुप्ता के करीबी माने जाते हैं और उन्हें ऑउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया जाता रहा है। ऑउट ऑफ टर्न प्रमोशन के लिए कई पैमाने तय हैं। मगर इन 26 मामले में नियमों को अनदेखा किया गया है। जांच के घेरे में आए सभी पदोन्नत पुलिस कर्मियों के सर्विस रिकॉर्ड खंगाले जाएंगे। इस पर आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

 

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