रायपुर। हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड विशाखापट्टनम(hindustan shipyard limited) में पहली बार डायविंग सपोर्ट व्हेसेल्स(Diving Support Vessels) का निर्माण होने जा रहा है। इसमें छत्तीसगढ़ के भिलाई स्टील प्लांट (bsp)में बनी हुई स्पेशल ग्रेड की प्लेट्स (plates of speciall grade) का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके लिए भिलाई स्टील प्लांट (bsp) ने 4 सौ टन आईआरएस ग्रेड बी प्लेट्स को डिस्पैच कर दिया है। अभी भी स्टॉक में 12 सौ टन प्लेट्स बची हुई हैं जिनकी जांच का काम जारी है। मेक इन इंडिया के तहत केंद्र ने डीएसवी का निर्माण देश में ही करने का निर्णय लिया है। इसका इस्तेमाल भारतीय नौसेना को करना है, जिसने इसके निर्माण की जिम्मेदारी हिन्दुस्तान शिपयार्ड को दी है जो रक्षा मंत्रालय अंतर्गत केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम है।

कड़ी जांच-परख के बाद दिया सर्टिफिकेट:
भारतीय नौसेना से आर्डर मिलने के बाद हिन्दुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड को स्पेशल प्लेट्स की सप्लाई की जिम्मेदारी भिलाई इस्पात संयंत्र को मिली। इसके बाद आईआरएस की टीम करीब महीने भर पूर्व बीएसपी पहुंची। इस दौरान टीम के सदस्यों ने प्लेट्स के उत्पादन की प्रक्रिया को बारीकी से देखा। इस दौरान प्लेट के उत्पादन में जिन भी विभागों की भूमिका रहती है, टीम के सदस्यों ने वहां की कार्यप्रणाली को देखा। फिर सर्टिफिकेट जारी किया।

BSP में बनती है कौन-कौन सी प्लेट:
आईआरएस से कार्य अनुमोदन प्रमाणित होने के बाद निर्माण और आपूर्ति के लिए 8 मिमी से 45 मिमी तक प्लेट की मोटाई के साथ सामान्य शक्ति (ए, बी और डी) की आईआरएस ग्रेड प्लेट्स की सप्लाई की जाएगी। फिलहाल बीएसपी के पास भारतीय नौसेना के लिए शिप-बिल्डिंग ग्रेड प्लेट्स और युद्धपोत ग्रेड प्लेट्स डीएमआर 249 ए का उत्पादन करने के साथ ही लायड्स रजिस्टर एशिया आदि से सर्टिफाई है। तो वहीं आईआरएस सर्वेयर्स द्वारा शेष प्लेटों के निरीक्षण की अंतिम प्रक्रिया जारी है।

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