रायपुर। बुधवार को पूरे देश के तकरीबन 8 लाख डॉक्टर्स राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) विधेयक, 2019 के विरोध में (Against the National Medical Commission (NMC) Bill, 2019) हड़ताल पर रहेंगे। छत्तीसगढ़ के डॉक्टर्स भी इस हड़ताल में हिस्सा लेंगे (Will participate in the strike)। मंगलवार को ये जानकारी हॉस्पिटल बोर्ड के अध्यक्ष डॉ राकेश गुप्ता ने दी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बुधवार सुबह 6 बजे से प्रदेश के 3 हजार विशेषज्ञ डॉक्टर 24 घंटे के लिए इलाज बन्द कर देंगे, मगर इमरजेंसी सेवाएं चालू रहेंगी (Emergency services will continue) । जो भी चिकित्सक इमरजेंसी ड्यूटी पर रहेंगे उनको धरने में आने पर बाध्य नहीं किया जाएगा। ऐसे में इमरजेंसी सेवाएं प्रभावित नहीं होंगी।

क्यों करेंगे ये हड़ताल:
डॉ. राकेश गुप्ता की मानें तो ये डॉक्टर्स धारा 32 का विरोध करते हुए इसे हटाने की मांग कर रहे हैं। इस धारा के तहत नीम-हकीमी वैध हो जाएगी। आईएमए ने इसे लोगों की जान के लिए खतरनाक बताते हुए सोमवार को दिल्ली में आंदोलन किया था। आईएमए की ओर से जारी बयान में इसे रोगियों की सुरक्षा से समझौता बताया गया है।

विधेयक को 17 जुलाई को मिली मंजूरी:
दरअसल केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस विधेयक को 17 जुलाई के दिन मंजूरी दे दी है। विधेयक का मुख्य उद्देश्य मेडिकल काउंसिल आॅफ इंडिया (एमसीआई) के स्थान पर एक चिकित्सा आयोग स्थापित करना है। बताया जा रहा है कि इससे भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 निरस्त हो जाएगा। चिकित्सा आयोग निजी मेडिकल कॉलेजों और डीम्ड विश्वविद्यालयों में 50 फीसदी सीटों के लिए सभी शुल्कों का नियमन करेगा। साथ ही सरकार पदाधिकारियों का निर्वाचन की मनोनयन कराएगी।

मरीजों को होगी खासी दिक्कतें:
डॉक्टर्स के इलाज बंद कर देने से पूरे देश के मरीजों को बुधवार को दिक्कतें पेश आएंगी। ऐसे में अगर समय रहते उनको दवाएं या फिर उपचार नहीं मिला तो उनकी जान भी जा सकती है। इतने डॉक्टर्स के हड़ताल पर रहने से चिकित्सा के अभाव में जिनकी जान जाएगी उसका जिम्मेदार कौन होगा ?

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