दिल्ली। राज्यसभा में आज 3 तलाक बिल पास (Triple Talaq Bill Passed Today in Rajya Sabha) हो गया। इस बिल के पक्ष में 99 तो विपक्ष में 84 वोट पड़े। यह बिल लोकसभा (Lok Sabha) में पहले ही पास हो चुका है। इसके अब इसे राष्ट्रपति (president) के पास भेजा जाएगा। इससे देश में महिला सशक्तिकरण को बल मिला। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) के हस्ताक्षर के बाद ये कानून (law) बन जाएगा। इसमें 3 तलाक को गैरकानूनी मानते हुए इसको तोड़ने वाले को 3 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान (3 years of sentence and penalty provision) है। इससे पहले बिल पर चर्चा के लिए चार घंटे का समय तय किया गया है।

बिल को लेकर बीजेपी ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया था। जदयू और एआईएडीएमके के सदन से वॉकआउट के बाद राज्यसभा में सदस्यों की संख्या 213 रह गई। ऐसे में अब बहुमत के लिए 109 वोट चाहिए। इससे पहले विपक्ष के विरोध के बावजूद लोकसभा में ये बिल आसानी से पास हो गया था। हालांकि लोकसभा में जेडीयू ने वोटिंग नहीं की थी। वहीं द्रमुक प्रमुख एम. के. स्टालिन ने लोकसभा में तीन तलाक विधेयक का समर्थन करने को लेकर अपनी चिर प्रतिद्वंद्वी पार्टी अन्नाद्रमुक की शुक्रवार को आलोचना की और आरोप लगाया था कि वह भगवा पार्टी की विचारधारा अपना कर उसका ‘क्लोन’ बन गई है।

लोकसभा में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019′ पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा था कि भाजपा की तरफ से यह भ्रांति फैलाई जा रही है कि हमारी पार्टी का रुख स्पष्ट नहीं है। हम साफ करना चाहते हैं कि हमारा रुख स्पष्ट है। तीन तलाक के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के फैसले का सबसे पहले कांग्रेस ने स्वागत किया था। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का विरोध सिर्फ तीन तलाक को इसे फौजदारी मामला बनाने से है, जबकि यह दीवानी मामला है। गोगोई इसको स्थाई समिति के पास भेजना चाहते थे, मगर ऐसा नहीं हो सका। इसके बाद वोटिंग में ये बिल पास हो गया। इसको प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है।

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