रायपुर। एक ओर जहां कांग्रेस सरकार (Congress Government) अपनी महती योजना (Scheme) नरवा-गरवा-घुरूवा-बारी को लेकर पीठ थप थपा रही है। वहीं दूसरी ओर आज भी राजधानी की सड़कों पर मवेशी (Cattle) खुले आसमान के नीचे जीवन बिताने को मजबूर हैं। सड़कों पर मवेशियों के गुजर बसर के चलते राहगीरों को भी आए दिन जाम और दुर्घटनाओं की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।

अब सवाल ये उठता है कि सरकार (Congress Government) आखिर कब और कैसे इन समस्याओं से जनता को राहत दिलाएगी? नरवा-गरवा-घुरवा-बारी की महती स्कीम (Scheme) से मवेशियों के हालात कब सुधरेंगे?

द रूरल प्रेस की टीम ने शहर के कई प्रमुख चौक- चौराहो और मार्गों का निरीक्षण किया। इस दौरान टीम ने देखा कि अधिकांश स्थानों- सड़कों पर ये मवेशी (Cattle) डेरा डाले हुए थे। ऐसी स्थिति में राहगीरों को भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था। सरकार (Congress Government) की महती योजना और मवेशियों के इन हालातों पर द रूरल प्रेस की टीम ने सामाजिक कार्यकर्ता (Social Activist) से चर्चा की।

साथ ही रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे (Mayor Pramod Dubey) से भी उनका पक्ष लेने का प्रयास किया। लेकिन महापौर से दूरभाष और उनके कार्यालय जाकर भी संपर्क नहीं हो पाया। इधर सामाजिक कार्यकर्ता (Social Activist) राजकुमार राठी ने मवेशियों की हालातों पर चिंता जाहिर करते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा।

सामाजिक कार्यकर्ता (Social Activist) राजकुमार राठी ने मवेशियों की ऐसी हालत पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार (Congress Government) जब से सत्ता में आई है तबसे नरवा-गरवा-घुरूवा-बारी योजना को लेकर गुणगान कर रही है, लेकिन अब तक शहर में ही मवेशियों (Cattle) की स्थिति में सुधार नहीं हो पाया है।

हिंदु धर्म में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। लोग गौ माता की पूजा करते है। इसके बावजूद वर्तमान में ये स्थितियां बनी हुई है कि इन मवेशियों (Cattle) के हित में कोई सार्थक पहल नही की गई। ग्वाले गाय का उपयोग हो जाने के बाद उन्हें सड़कों पर घूमने के लिए खुला छोड़ देते हैं। राजकुमार राठी ने द रूरल प्रेस के माध्यम से सरकार (Congress Government) से मांग की है कि शीघ्रता शीघ्र शहर के इन मवेशियों के लिए गौठानों का निर्माण कराकर इनकी देखभाल के साथ उचित व्यवस्था कराई जाए।

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