नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मोदी (PM Narendra Modi) ने राष्ट्र के नाम अपने संदेश में कश्मीर (Kasmir) की जिस लड़की का जिक्र किया, उसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे। हाथों में एके 47 संभाले ये आम कश्मीरी लड़की जिसने आतंकवादियों को धूल में मिला दिया था। ये लड़की थी रुखसाना,  इस जांबाज लड़की के अलावा पीएम मोदी ने जिन अन्य नामों का जिक्र किया उनमें से एक लद्दाख के सोनम वांगचुक हैं। आईए जाने इनकी वीरता की दास्तां के बारे में।

कश्मीर से अनुच्छेद 370 (Article 370 Jammu Kashmir) हटाए जाने के बाद तीसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पहली बार राष्ट्र के नाम अपना संबोधन दे रहे थे। उन्होंने अपने संबोधन में कश्मीर और लदाख के वीरों के नाम गिनाए। उन्होंने कहा कि आप सभी के परिश्रम ने मेरा विश्वास बढ़ाया है कि बदलाव हो सकता है। लोगों का भला हो सकता है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर देश का मुकुट है। इसकी रक्षा के लिए वीर बेटे-बेटियों ने अपना बलिदान दिया है। अपने संबोधन में उन्होंने रुखसाना सहित अन्य लोगों के नाम गिनाए थे।

पाकिस्तानी घुसपैठियों के बारे में सेना को बताया

उनमें से पहला नाम था पुंछ के मौलवी गुलामदीन का था। उन्होंने कहा कि गुलामदीन ने साल 1965 की लड़ाई में पाकिस्तानी (Pakistan) घुसपैठियों के बारे में सेना को बताया था। उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था। मौलवी गुलाम दीन के अलावा उन्हें और भी चार नाम लिए और साथ ही कहा कि ये ही वो लोग हैं जो मेरा हौसला बढ़ाते हैं।

कारगिल की लड़ाई में दुश्मन को धूल चटाया

उन्होंने कारगिल की लड़ाई (Battle of Kargil) में दुश्मन को धूल चटाने वाले जिस लद्दाख के कर्नल सोनम वानंचुग (Sonam Vananchug) का उदाहरण दिया, उनकी कहानी भी सभी को प्रेरणा देने वाली है। उन्हें महावीर चक्र से नवाजा गया था। सोनम कारगिल विजय के नायक थे। वांगचुक लद्दाख स्काउट रेजिमेंट में अधिकारी थे। कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तानी सेना को खदेड़ते हुए वांगचुक कॉरवट ला टॉप पर वीरता से लड़े और युद्ध ख़त्म होने पर वापस लौटे। उन्हें बहादुरी के लिए दूसरा सबसे बड़ा पदक महावीर चक्र से सम्मानित किया गया था। वो युद्ध से तीन जीवित लौटे लोगों में से एक थे। एक अधिकारी के तौर पर पूरी जिम्मेदारी और जवाबदेही के साथ उन्होंने न केवल युद्ध लड़ा बल्कि देश को विजय भी दिलाई।

रुखसाना ने एक बड़े आतंकी को मार गिराया

कश्मीर घाटी की जिस लड़की का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिक्र किया वो हैं राजौरी की रुखसाना कौसर (Rukhsana Kausar)। रुखसाना ने एक बड़े आतंकी को मार गिराया था, जिसके लिए उन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था। रुखसाना वो लड़की है जिसने घाटी के प्रति लोगों की आम विचारधारा को तोड़कर एक नई इबारत लिखी थी। बात सितंबर 2009 की है जब रुखसाना ने साहस भरा ये कदम उठाया।

बता दें कि रुखसाना अपनी मां राशिदा बेगम, पिता नूर हसन और भाई ऐयाज के साथ शाहदरा शरीफ में रहती थीं। ये सीमा से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर इस इलाके में तीन कथित पाकिस्तानी आतंकी (Pakistani terrorist) उसके घर में घुस गए। हथियार के दम पर वो घरवालों से खाने की चीजों और सोने के लिए बिस्तर मांगने लगे। रुखसाना के पिता ने आतंकियों की मदद करने से इनकार किया तो वो तीनों हमलावर हो गए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रुखसाना बिस्तर के नीचे छिपकर ये सब देख रही थी। अपने पिता को पिटता देख रुखसाना से नहीं रहा गया और वो एक कुल्हाड़ी लेकर आतंकियों की ओर दौड़ी। उसने पूरी ताकत से उनमें से एक के गले पर हमला कर दिया। हमले से वो संभल पाता इससे पहले रुखसाना ने उसकी एके-47 छीनकर उसे मौत के घाट उतार दिया।

 

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