कोंडागांव। जिले से 15 किलोमीटर दूर चिपावंड के उमरगांव बीके प्राथमिक कन्या छात्रावास (Girls hostel) में अचानक आग लगने से 65 छात्राएं बेहोश हो गईं। आग लगने के कारण हॉस्टल में धुंआ भरने से करीब 65 छात्राएं बेहोश हो गई। हैरत की बात यह है कि आग लगने के दौरान हॉस्टल में न तो अधीक्षिका मौजूद थी न ही अन्य स्टाफ। आपको बता दें कि चिपावंड के उमरगांव प्राथमिक कन्या छात्रावास, कोंडागांव (Kondagaon) में कक्षा पहली से पांचवीं तक की कुल 65 छात्राएं रहती हैं। इन सभी छात्राओं की जिम्मेदारी हॉस्टल अधिक्षिका और अन्य स्टाफ की है। मगर सोमवार की शाम से ही छात्रावास में जिम्मेदारों के नाम पर कोई मौजूद नहीं था।

मीटर में हुआ था शॉर्ट सर्किट
आपको बता दें कि दोपहर से लगातार हो रही बारिश के कारण तकनीकी खराबी आने से हॉस्टल (Girls hostel) के मीटर में शॉर्ट सर्किट के चलते मीटर में ही आग लग गई। यह घटना रात करीब 8 बजे की है। घटना की सूचना मिलते ही कोंडागांव (Kondagaon) सहायक आयुक्त जीआर सोरी रात करीब 9 बजे छात्रावास पहुंचे। पुलिस ने मामले की पूरी जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बच्चियों की चीख-पुकार सुन पहुंचे ग्रामीण
हॉस्टल (Girls hostel) के सामने रहने वाले ग्रामीणों ने जब हॉस्टल से बच्चों की चीख-पुकार सुनी तो वे जल्दी से हॉस्टल पहुंचे। उन्होंने देखा कि सभी बच्चियां एक-एक कर बेहोश हो रही थीं। ग्रामीणों ने बच्चों को हॉस्टल के सामने ग्रामीण हेमंत यादव के घर शिफ्ट किया। कुछ छात्राओं को उपचार के लिए स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। हॉस्टल में यदि ग्रामीण समय पर सहायता के लिए नहीं पहुंचते तो छात्राओं के साथ कुछ भी हो सकता था। ऐसे में गंभीर सवाल यह है कि ऐसे शासकीय छात्रावासों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग ने क्या इंतजाम हैं।